वाशिंगटन : यमन में विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तरी क्षेत्र में अकाल की स्थिति से निपटने के लिए अमेरिका ने शुक्रवार को सहायता बहाल करने की घोषणा की.
यमन में लगभग छह साल से युद्ध के हालात हैं और संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि एक मुख्य बंदरगाह पर ईंधन नहीं पहुंच रहा है जिसके कारण देश में संकट और बढ़ रहा है.
यह सहायता ऐसे समय में दी जा रही है जब यमन में अमेरिका के राजदूत ने हूती विद्रोहियों पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि वे और अधिक क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए लड़ रहे हैं जबकि संघर्ष का अंत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं.
टिम लेंडरकिंग ने कहा, ‘मेरे लिए यह दुखद और चिंताजनक है कि हूती (विद्रोही) मारिब प्रांत को हथियाने के लिए सैन्य अभियान को तवज्जो दे रहे हैं.’
‘अटलांटिक कॉउंसिल’ थिंक टैंक द्वारा डिजिटल माध्यम से किए गए एक आयोजन में उन्होंने यह बयान दिया.
इससे पहल उन्होंने संघर्ष विराम और शांति के प्रयास करने के लिए दो हफ्ते तक क्षेत्र का दौरा किया था.
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के नेतृत्व में सैन्य कार्रवाई का समर्थन करने वाले ट्रंप प्रशासन की नीति को पलटते हुए यमन में कूटनीति के जरिये युद्ध का अंत करना बाइडन प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है.
बाइडन के कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद विद्रोहियों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया है जिसके कारण अमेरिका और उसके रणनीतिक साझेदार सऊदी अरब के बीच तनाव पैदा हो गया है.
लेंडरकिंग ने कहा कि कई दिनों तक हूती विद्रोहियों को संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया गया और उनसे हिंसा का अंत करने का आग्रह किया गया.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि युद्ध और बड़े स्तर पर विस्थापन, ईंधन की कमी और खाद्य सामग्री की कीमतों में वृद्धि के कारण यमन के 50 हजार लोग पहले से अकाल की स्थिति से जूझ रहे हैं और 50 लाख अन्य लोगों पर संकट गहरा गया है.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यमन में पांच साल की उम्र के चार लाख बच्चे इस साल कुपोषण के कारण मौत की कगार पर खड़े हैं.
ट्रंप ने यमन के उत्तरी क्षेत्र में दी जाने वाली सहायता पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि हूती विद्रोही, सहायता राशि का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं.
इसके लगभग एक साल बाद इस ट्रंप के निर्णय को पलटते हुए बाइडन प्रशासन ने शुक्रवार को सहायता बहाल करने की घोषणा की.
‘यूएस एड’ संस्था की एक वरिष्ठ अधिकारी सराह चार्ल्स ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने यमन के उत्तरी क्षेत्र में “सतर्कता के साथ सहायता बहाल करने” का फैसला लिया है.