scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमविदेशकश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दे बातचीत व कूटनीति से हल होने चाहिए: इमरान खान

कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दे बातचीत व कूटनीति से हल होने चाहिए: इमरान खान

Text Size:

(केजेएम वर्मा)

बीजिंग/इस्लामाबाद, 29 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन की यात्रा पर आने से पहले कहा है कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के लिए क्षेत्र में ‘रणनीतिक संतुलन’ कायम रहना चाहिए और सीमा विवाद एवं कश्मीर मुद्दे का समाधान वार्ता, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के नियमों के मुताबिक होना चाहिए।

चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘ ग्लोबल टाइम्स’ में प्रकाशित एक लेख में, खान ने सीमा विवादों के अलावा कश्मीर मुद्दे के समाधान को दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने के लिए अहम बताया है और इसका संक्षेप में जिक्र किया है।

उन्होंने कहा, “यह हमारा साझा नजरिया है कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति इस क्षेत्र में एक रणनीतिक संतुलन बनाए रखने पर निर्भर है और सीमा प्रश्न और कश्मीर विवाद जैसे सभी लंबित मुद्दे बातचीत और कूटनीति के जरिए एवं अंतरराष्ट्रीय कानून के नियमों के मुताबिक हल किए जाने चाहिए।”

खान ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय रिश्तों में कश्मीर मुद्दे एवं सीमा पार आतंकवाद को लेकर खटास है।

प्रधानमंत्री खान ने चीन की यात्रा से पहले शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों के आरोपों पर चीन को क्लीन चिट दे दी है। वह बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों के चार फरवरी को होने वाले उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने के लिए चीन आ रहे हैं। इस उद्घाटन समारोह का अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने शिनजियांग मुद्दे को लेकर बहिष्कार किया है।

खान ने कहा कि उनके देश के राजदूत ने प्रांत का दौरा किया था और उन्होंने इन आरोपों को सही नहीं पाया है।

खान ने बीजिंग यात्रा से पहले इस्लामाबाद में शनिवार को चीनी पत्रकारों को दिए साक्षात्कार में कहा, “ उइगर मुसलमानों के साथ सलूक को लेकर पश्चिम में चीन की काफी आलोचना हुई है, लेकिन हमारे राजदूत वहां गए और उन्होंने सूचना भेजी कि यह असल में सच नहीं है।”

अशांत क्षेत्र शिनजियांग को लेकर चीन को क्लीन चिट देते हुए खान ने जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर पश्चिमी देशों की ‘चयनात्मक चुप्पी’ पर सवाल उठाया।

भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू कश्मीर उसका अभिन्न अंग ‘ था, है और हमेशा रहेगा।” उसने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी प्रचार को रोकने की भी सलाह दी है।

भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी के रिश्ते चाहता है। भारत ने कहा है कि आतंकवाद और दुश्मनी से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।

जुलाई 2021 में चीनी पत्रकारों को दिए साक्षात्कार के दौरान खान ने चीन द्वारा उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन के आरोपों पर पाकिस्तान की चुप्पी को लेकर हो रही आलोचना को नज़रअंदाज़ कर दिया था।

पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक, पाकिस्तान ने ‘अधिक निकटता और रिश्तों’ की वजह से उइगर मुसलमानों के साथ सलूक के संबंध में बीजिंग के पक्ष को स्वीकार कर लिया है।

उद्घाटन समारोह में शिरकत करने के अलावा, खान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जिनमें द्विपक्षीय रिश्तों की स्थिति और 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के समक्ष परेशानियों पर चर्चा की जाएगी। साथ में पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए चीनी ऋण और निवेश पर भी बातचीत होगी।

सीपीईसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है और यह चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) की प्रमुख परियोजना है।

भारत ने इसका विरोध किया है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुज़रती है।

अपने लेख में खान ने कहा है कि सीपीईसी परियोजनाओं के लिए काम कर रहे चीनी कर्मचारियों की सुरक्षा पाकिस्तान की शीर्ष प्राथमिकता है।

खान ने चीनी पत्रकारों को दिए साक्षात्कार में कहा, “पाकिस्तान में यह भावना है कि चीन हमेशा जरूरत के वक्त पर हमारे साथ खड़ा रहा और मुश्किल समय में हमारा साथ दिया। इसी तरह पाकिस्तान भी हमेशा चीन के साथ खड़ा रहा।”

अफगानिस्तान पर पूछे गए सवाल पर खान ने कहा कि विदेशी ताकतें लोगों के बारे में सोचे बिना देश को नहीं छोड़ सकती हैं। उन्होंने चेताया कि अगर सबने अफगानिस्तान को छोड़ दिया तो मुल्क में भीषण मानवीय संकट पैदा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चार करोड़ अफगानों के बारे में सोचना चाहिए, भले ही वे तालिबान की सरकार को पसंद करें या न करें।

भाषा नोमान दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments