नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी मई में हुए लोकसभा चुनाव में दोबारा जीत हासिल करने के बाद पहली बार अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं. मोदी का यह दौरा 21-27 सितंबर तक है. इस दौरान मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे. भारतीय अप्रवासियों द्वारा 22 सितंबर को अमेरिका में एक बड़ा कार्यक्रम ‘हाउडी मोदी’ आयोजित कराया जा रहा है. इसमें नरेंद्र मोदी भारतीय अप्रवासियों को संबोधित करेंगे. आयोजकों का दावा है कि ह्यूस्टन में होने वाला यह कार्यक्रम विदेश में भारतीय अप्रवासी लोगों द्वारा आयोजित ‘सबसे बड़ा कार्यक्रम’ होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने अमेरिका में यूएनजीए के कार्यक्रम को संबोधित करने वाले हैं जिसमें 50 हज़ार से भी ज्यादा लोग शामिल होंगे. हाउडी मोदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका में तीसरा कार्यक्रम होगा. इससे पहले मोदी मे 2014 में मेडिसन स्क्वायर में और 2016 में सिलिकॉन वैली में कार्यक्रम को संबोधित किया था. एक में लगभग 20 हजार लोग जबकि दूसरे में 40 हजार लोग शामिल हुए थे.
हाउडी मोदी कार्यक्रम की संयोजक जुगल मालिनी के अनुसार यह आयोजन सबसे बड़ा कार्यक्रम होने वाला है. इस कार्यक्रम में कई विदेशी नेता भी शामिल होंगे. इससे पहले ऐसा कार्यक्रम पोप का हुआ था. मालिनी बताती है कि हाउडी का मतलब होता है आप कैसे हो. पश्चिमी अमेरिका में अभिवादन करने का यह तरीका है.
बड़े कार्यक्रम से बड़ा संदेश
कार्यक्रम की संयोजक जुगल मालिनी ने अमेरिका से दिप्रिंट को बताया, ‘रिकॉर्ड 50 हजार लोगों ने इस कार्यक्रम के लिए आवेदन करा लिया है. लगभग 8 हजार विद्यार्थियों ने वेटिंग लिस्ट के लिए आवेदन किया है.’ मालिनी ने बताया, ‘यह कार्यक्रम स्प्रोलिंग एनआरजी स्टेडियम में होगा. कार्यक्रम को दो भागों में बांटा गया है. कार्यक्रम के शुरुआत में 90 मिनट का सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा जिसका थीम भारत-अमेरिका की कहानी होगी. जिसमें अमेरिका के सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में भारत और अमेरिका के महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा.’
इस बार कार्यक्रम में भारत और अमेरिका के कलाकार ही प्रस्तुति देंगे. पिछली बार की तरह कोई भी भारतीय कलाकार इसमें शामिल नहीं होगा.
कार्यक्रम की पूरे रूपरेखा को देखने के लिए ह्यूस्टन जाने से पहले भाजपा के विदेशी सेल के प्रमुख विजय चौथीवाले ने कहा, ‘इस कार्यक्रम से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे और दोनों देशों को जोड़ेंगे. प्रधानमंत्री मोदी इन्हीं बातों पर वहां बोलेंगे. वहां पर प्रधानमंत्री, महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग के बारे में भी बात करेंगे.’
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लगभग 650 सामाजिक संगठन इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. गायत्री परिवार, अक्षय पात्रा, चिन्मय मिशन ह्यूस्टन, आईआईटी अल्युमनाय काउंसिल, साधु वसावी मिशन, पतंजलि योगपीठ फाउंडेशन, ल्यूवा पटेल समाज और पाटीदार फाउंडेशन इस कार्यक्रम की तैयारियों में लगे हुए हैं.
हाउडी मोदी कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन को ही क्यों चुना गया
यूएस सेंसस ब्यूरो और फॉरेन ट्रेड डिवीजन 2019 के अनुसार भारत ह्यूस्टन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारी साझेदार है. भारत ब्राजील,चीन और मेक्सिको से पीछे है.
इस साल ह्यूस्टन और भारत के बीच व्यापार में 82.2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. ह्यूस्टन से भारत को आयात में 106.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और भारत द्वारा ह्यूस्टन को निर्यात में 48.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके अलावा ह्यूस्टन-गेलवेस्टन कस्टम डिस्ट्रिक्ट भारत और यूएस के बीच व्यापार का तीसरा सबसे बड़ा गेटवे है.
2009-18 के दौरान ह्यूस्टन और भारत के बीच 4.8 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था. 2018 में यह 7.2 बिलियन डॉलर हो गया था. ह्यूस्टन में रहने वाले 92,900 लोग भारतीय मूल के हैं.
ह्यूस्टन के 33 फार्म्स के 85 उपक्रम भारत में काम कर रहे हैं. जिसमें केबीआर, नेशनल ऑयलवेल वार्को, माइक्रो फोकस, आशनियरिंग इंटरनेशनल और वॉल्टर पी मूरे शामिल है.
भारत की 28 फार्म्स ह्यूस्टन में 28 उपक्रम चला रही है. जिसमें एचसीएल अमेरिका, जेएसडब्लयू स्टील, महिंद्रा यूएसए, नीलसॉफ्ट और वेल्यपन ग्लोबल ट्रेड शामिल हैं.
ह्यूस्टन में व्यापार और सांस्कृतिक रिश्तों को बढ़ाने के लिए कंसुलेट जनरल ऑफ इंडिया और इंडो-अमेरिकन चेंबर ऑफ कॉमर्स काम करती है.