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Wednesday, 8 May, 2024
होमविदेशजापान में लगभग 150 भूकंप आने के बाद PM मोदी ने पीएम किशिदा को लिखा पत्र, कहा — ‘करेंगे हर संभव मदद’

जापान में लगभग 150 भूकंप आने के बाद PM मोदी ने पीएम किशिदा को लिखा पत्र, कहा — ‘करेंगे हर संभव मदद’

बुधवार को अपने जापानी समकक्ष प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को लिखे एक पत्र में मोदी ने कहा कि भारत इस समय एशियाई देश को ‘हर संभव सहायता देने के लिए तैयार’ है.

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नई दिल्ली: नए साल के दिन जापान में एक ही दिन में लगभग 150 भूकंप आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को पत्र लिखा. सरकारी सूत्रों ने ये जानकारी दी.

सूत्रों ने कहा, भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने जापानी समकक्ष को लिखे एक पत्र में कहा, “मैं एक जनवरी, 2024 को जापान में आए बड़े भूकंप के बारे में जानकर बहुत दुखी और चिंतित हूं. मैं जान गंवाने वाले लोगों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. हम जापान और आपदा से प्रभावित उसके लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं.”

मोदी ने कहा: “एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदार के रूप में भारत जापान के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है और इस समय हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.”

एक जनवरी को जापान में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया, जो 2018 के बाद से देश में आए सबसे बड़े भूकंपों में से एक बन गया. इसमें कथित तौर पर 100 से अधिक लोगों की जान चली गई और 450 से अधिक लोग घायल हो गए, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 200 संरचनाओं को बड़े पैमाने पर ढांचागत क्षति हुई. कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ और बिजली और पानी की कमी पैदा हुई.

जापान की कुख्यात बुलेट ट्रेनों की आवाजाही भी निलंबित कर दी गई है.

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हाल के भूकंप ने 2011 की घातक सुनामी की संभावित पुनरावृत्ति की आशंका भी बढ़ा दी है, जो उत्तर-पूर्वी जापान में भूकंप के कारण आई थी और लगभग 18,500 लोग मारे गए थे.


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भारत करेगा सहायता प्रदान

भूकंप के एक दिन बाद जापान के प्रधानमंत्री ने एक आपदा प्रतिक्रिया बैठक आयोजित करने के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि भूकंप के कारण “बहुत व्यापक क्षति” हुई, जिसमें कई हताहत, इमारत ढहना और आग से हुए नुकसान शामिल हैं.

सार्वजनिक प्रसारक एनएचके जापान की एक रिपोर्ट के अनुसार, किशिदा ने आपदा के मद्देनज़र 2024 के लिए जापान के मसौदा बजट को संशोधित करने का संकेत दिया. उन्होंने कथित तौर पर भूकंप प्रभावित क्षेत्रों को राहत प्रदान करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष के लिए शेष आरक्षित निधि का उपयोग करने का सुझाव दिया था, जिसमें लगभग 3.2 बिलियन डॉलर शामिल होंगे.

सूत्रों ने कहा कि जापान के प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में पीएम मोदी ने भूकंप के कारण हुए बड़े पैमाने पर विनाश के बाद एशियाई देश को सहायता देने की पेशकश की. हालांकि, अभी तक ऐसी कोई सहायता नहीं दी गई है.

पिछले साल भारत ने “अंडर ऑपरेशन दोस्त” के तहत तुर्की-सीरिया में भूकंप के बाद सर्च एंड रेस्क्यू की टीम भेजी थी. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की तीन टीमें, एक फील्ड अस्पताल, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य ज़रूरी सामान आपदा प्रभावित क्षेत्र में भेजे गए.

जानकारी है कि जापान आपातकालीन सहायता के बारे में अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है और उसने फिलहाल अन्य देशों की मदद की पेशकश को अस्वीकार कर दिया है.

जापान के शीर्ष प्रवक्ता योशिमासा हयाशी के हवाले से कहा गया है, “ज़मीनी स्थिति और उन्हें प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रयास को देखते हुए हम इस समय अन्य देशों या क्षेत्रों से कोई भी कार्मिक या सामग्री सहायता स्वीकार नहीं कर रहे हैं.”

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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