scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमविदेशसुरक्षा परिषद के लिए अफ्रीका में बढ़ते आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी- भारत

सुरक्षा परिषद के लिए अफ्रीका में बढ़ते आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी- भारत

तिरुमूर्ति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की लीबिया प्रतिबंध समिति के भी सह अध्यक्ष हैं और सोमवार को सुरक्षा परिषद के सामने समिति की रिपोर्ट पेश की.

Text Size:

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया है कि वह अफ्रीका में आतंकवाद के खतरे पर ध्यान केंद्रित करे, खासतौर पर साहेल इलाके में. भारत ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आतंकवादी समूहों और उनसे संबद्ध संगठनों को लीबिया में बेखौफ पनपने नहीं दिया जाए.

भौगोलिक रूप से साहेल में अटलांटिक महासागर के किनारे बसे सेनेगल से मॉरिटानिया, माली, बुर्किना फासो, नाइजर,नाइजीरिया, चाड तक और सूडान से लेकर लाल सागर के तटपर इरिट्रिया तक का इलाका आता है.

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन (यूएनएसएमआईए) संबंधी जानकारी देने और विचार विमर्श के लिए आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र में राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने दक्षिणी लीबिया में इस्लामिक स्टेट के प्रशिक्षण शिविरों की मौजूदगी को रेखांकित किया है.

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘यह अहम है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अपना ध्यान अफ्रीका में आतंकवाद के खतरे पर केंद्रित करे, खासतौर पर साहेल इलाके पर. हमें सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादी समूह और उनसे संबद्ध संगठन लीबिया में आसानी से अपनी जड़ें न जमा सकें.’

उन्होंने कहा, ‘यह अहम है कि सुरक्षा परिषद अफ्रीका में आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर ध्यान केंद्रित करे और कार्रवाई करे.’

तिरुमूर्ति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की लीबिया प्रतिबंध समिति के भी सह अध्यक्ष हैं और सोमवार को सुरक्षा परिषद के सामने समिति की रिपोर्ट पेश की.

समिति ने एकता को बचाए रखने, लीबिया की जब्त संपत्ति का इस्तेमाल वहां के लोगों के फायदे के लिए करने, हथियार प्रतिबंध, यात्रा छूट, पेट्रोलियम पदार्थों का अवैध निर्यात आदि मुद्दों पर भी चर्चा की.

भारतीय राजदूत ने कहा कि भारत को अफसोस है कि अफ्रीकी देश में पिछले साल 24 दिसंबर को तय कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव नहीं कराए जा सके.

उन्होंने कहा, ‘इसका उद्देश्य स्वयं लीबिया के लोगों द्वारा प्रायोजित है और यह राजनीतिक प्रक्रिया में मील का पत्थर होगा. अक्टूबर 2020 में संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद जो प्रगति हुई है उसे यह गति देगी.’

तिरुमूर्ति ने उम्मीद जताई कि चुनाव और प्रत्याशी से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान हो जाएगा और चुनाव सुचारु रूप से संपन्न होगा.

उन्होंने कहा, ‘यह सुरक्षा परिषद के लिए अहम है कि वह लीबियाई जनता की लोकतांत्रिक आकांक्षा का समर्थन करे.’

उन्होंने जोर देकर कहा कि लीबिया के लिए सबसे अहम प्राथमिकता स्वतंत्र, पारदर्शी, समावेशी और विश्वसनीय तरीके से चुनाव कराना है और सुरक्षा परिषद का एकजुट आह्वान इसमें मदद करेगा.

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यह भी चाहता है कि लीबिया की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा की जानी चाहिए और शांति प्रक्रिया पूरी तरह से लीबियाई लोगों के नेतृत्व में और लीबियाई लोगों द्वारा बिना किसी शर्त या बहारी हस्तक्षेप के चलनी चाहिए.


यह भी पढ़ेंः गणतंत्र दिवस पर 384 लोगों को वीरता पुरस्कार, गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को परम विशिष्ट सेवा मेडल


share & View comments