scorecardresearch
Saturday, 4 May, 2024
होमविदेशआज के बाद विमान में अकेले सफर नहीं कर पाएंगी अफगान महिलाएं, तालिबान के फरमान में यह है नया नियम

आज के बाद विमान में अकेले सफर नहीं कर पाएंगी अफगान महिलाएं, तालिबान के फरमान में यह है नया नियम

तालिबान ने 1996 और 2001 के बीच अपने पिछले शासन के अधिक उदार होने का वादा किया लेकिन वे महिलाओं की आजादी को लगातार टारगेट कर रहे हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: आज के बाद अफगानिस्तान में महिलाएं अकेले विमान में सफर नहीं कर सकेंगी. 28 मार्च, 2022 आखिरी दी हैं जब वह ऐसा कर सकती हैं.

पुण्य के प्रचार और वाइस ऑफ प्रिवेंशन के मंत्रालय ने शनिवार को एयरलाइंस को एक पत्र भेजा जिसमें महिलाओं को पुरुष संरक्षण के बिना घरेलू या अंतरराष्ट्रीय उड़ानें लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया.

रॉयटर्स की रिपोर्ट्स में बताया गया कि जिन महिलाओं ने पहले से ही अपनी विमान की टिकटें बुक कर रखी थीं उन्हें रविवार और सोमवार ततक उड़ान भरने की इजाजत होगी. ऐसी खबरें थीं कि शनिवार को काबुल हवाईअड्डे से टिकट वाली कई महिलाओं को लौटा दिया गया.

हालांकि तालिबान ने 1996 और 2001 के बीच अपने पिछले शासन के अधिक उदार होने का वादा किया लेकिन वे महिलाओं की आजादी को लगातार टारगेट कर रहे हैं. सत्ता में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने महिलाओं को शिक्षा, काम और यहां तक ​​कि बिना किसी पुरुष रिश्तेदार के घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी थी.

पिछले हफ्ते वह माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं को औपचारिक अध्ययन जारी रखने की अनुमति देने के अपने वादे से मुकर गया.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका ने प्रमुख आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तालिबान के साथ नियोजित बैठकों को रद्द कर दिया.

ह्यूमन राइट्स वॉच और सैन जोस स्टेट यूनिवर्सिटी (एसजेएसयू) के ह्यूमन राइट्स इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि तालिबान शासन का “अफगान महिलाओं और लड़कियों पर विनाशकारी प्रभाव” पड़ा है.

पिछले अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से, उन्होंने ‘अधिकार-उल्लंघन करने वाली नीतियां लागू की हैं, जिन्होंने महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बड़ी बाधाएं पैदा की हैं, आंदोलन, अभिव्यक्ति और संघ की स्वतंत्रता को कम किया है, और कईयों को पैसा कमाने से वंचित किया है.’


यह भी पढ़ें- क्या ‘लाभार्थी’ नया वोट बैंक हैं, जिन्होंने BJP को UP चुनाव जीतने में मदद की


 

share & View comments