इस्लामाबाद: अफगानिस्तान सरकार के वार्ताकार और तालिबान के बीच यह सहमति बनी है कि कतर में चल रही शांति वार्ता में इस्लामी कानून एवं इसकी शिक्षाएं उनका मार्गदर्शन करेंगी.
बृहस्पतिवार को समाचार एजेंसी एपी को हासिल हुए एक दस्तावेज से यह जानकारी मिली है. इसमें वार्ता के लिए नियमों की 21 सूत्री सूची है. ऐसा लगता है कि वार्ता बंद कमरे में चल रही है. दोनों पक्षों ने पिछले हफ्ते कतर के दोहा में दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे. अमेरिका की मध्यस्थता में शांति वार्ता सितंबर में शुरू हुई थी. दोहा में तालिबान का कई साल से एक राजनीतिक कार्यालय रहा है.
दस्तावेज के मुताबिक पिछले हफ्ते तक वार्ता में गतिरोध कायम था. हालांकि दोनों पक्ष वार्ता के लिए नियम-कायदे पर सहमत हो गए हैं.
यह घटनाक्रम काफी मायने रखता है क्योंकि इसका मतलब है कि संबद्ध पक्ष जल्द ही उन विभिन्न मुद्दों पर वार्ता शुरू करेंगे, जो अफगानिस्तान में दशकों से चल रही लड़ाई को समाप्त कर सकता है.
दोहा में चल रही वार्ता के बारे में जानकारी रखने वाले अफगानों के मुताबिक एक अहम सवाल यह है कि अमेरिका ने फरवरी में तालिबान के साथ जिस समझौते पर हस्ताक्षर किया था, क्या वह अफगान-तालिबान वार्ता की बुनियाद होगा.
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