हांगझोउ : मई में अभ्यास के दौरान गिरने के कारण आरती कस्तूरी राज को अपने 20 से अधिक घावों के लिए 26 टांके लगाने पड़े थे. तब वह बेहद मायूस थी, लेकिन डॉक्टर मां ने अपनी बेटी का पूरा साथ दिया जिसका परिणाम यह है कि भारत की रोलर स्केटिंग की यह खिलाड़ी सोमवार को एशियाई खेलों में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने में सफल रही.
एमबीबीएस कर चुकी आरती ने अब अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है और अब वह अपने अस्पताल को चलाने में अपनी मां का साथ देंगी.
आरती एशियाई खेलों के शुरू होने से ठीक 4 महीने पहले अभ्यास के दौरान चोटिल हो गई थीं. अपनी मां की मदद से हालांकि वह इस चोट से उबरने में सफल रही.
आरती ने महिलाओं की 3000 मीटर टीम रिले में कांस्य पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘इस साल 26 मई को मेरे साथ एक दुर्घटना घट गई थी और मुझे 26 टांके लगे थे. मेरे माथे पर भी गहरे घाव बन गए थे. मैंने इसके बावजूद अभ्यास किया और इस बीच रिहैबिलिटेशन से भी गुजरती रही.’’
चेन्नई के व्यावसायी पिता सी कस्तूरी राज और महिला रोग विशेषज्ञ माला राज की बेटी आरती ने तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद एशियाई खेलों में पदक जीता जो उनके लिए सपना सच होने जैसा है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए वास्तव में सपना सच होने जैसा पल है. जब मैं सात साल की थी तब इस खेल से जुड़ी. यह खेल मेरा जुनून है. मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं कोई खेल खेलूं. इस पदक को जीतने में मेरी मां की भूमिका भी अहम रही.’’
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