केप केनवरल (अमेरिका) : नासा के ‘परसिवरेंस’ रोवर को मंगल ग्रह पर उतारने के लिए इस्तेमाल किए गए पैराशूट में एक संदेश छुपा था.
‘सिस्टम इंजीनियर’ इआन क्लार्क ने पैराशूट की नारंगी और सफेद रंग की 21 मीटर की पट्टियों पर ‘बाइनरी कोड’ का इस्तेमाल कर ‘डेयर माइटी थिंग्स’ लिखा था. इस पहेली को अंतरिक्ष प्रेमियों ने पैराशूट की तस्वीरें सामने आने के कुछ घंटे बाद ही हल कर लिया.
उन्होंने कैलिफोर्निया के पासाडेना में नासा की जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला में मिशन के मुख्यालय के लिए जीपीएस निर्देशांक भी इसमें शामिल किए थे.
‘क्रॉसवर्ड’ खेल खेलने के शौकीन क्लॉर्क को दो साल पहले यह विचार आया था.
क्लॉर्क के अनुसार शुक्रवार को रोवर के मंगल ग्रह पर उतरने से पहले सिर्फ छह लोगों को इस कोड के बारे में पता था.
उन्होंने बताया कि पैराशूट की तस्वीरें आने के बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के दौरान सोमवार को कुछ संकेत दिये थे. अंतरिक्ष प्रेमियों ने कुछ घंटों में ही इस पहेली को हल कर लिया.
उन्होंने कहा, ‘मुझे आगे और अधिक रचनात्मक होना होगा.’
‘डेयर माइटी थिंग्स’ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट द्वारा दी गए एक मशहूर पंक्ति है. यह जेपीएल और केन्द्र की कई दीवारों पर भी लिखी नजर आती है.
इसका मतलब, ‘नामुमकिन को मुमकिन करने की कोशिश करना है.’
गौरतलब है कि नासा का रोवर ‘परसिवरेंस’ शुक्रवार तड़के मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था. यह जेजोरो क्रेटर (महाखड्ड) में उतरा है. यह नासा द्वारा अब तक भेजा गया सबसे बड़ा और सर्वाधिक उन्नत रोवर है.
नासा के अब तक के सबसे जोखिम भरे और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण इस अभियान का उद्देश्य यह पता लगाना है कि मंगल ग्रह पर क्या कभी जीवन था.
अभियान के तहत ग्रह से चट्टानों के टुकड़े भी लाने का प्रयास किया जाएगा जो इस सवाल का जवाब खोजने में अहम साबित हो सकते हैं.