(कुणाल दत्त)
वड़ोदरा, पांच जनवरी (भाषा) गुजरात के वडोदरा से 75 दुर्लभ ‘विंटेज’ (पुरानी) कारों में उनके मालिक और अन्य लोग लक्ष्मी विलास महल से केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए बृहस्पतिवार को रवाना हुए।
जैसे ही यह काफिला 19वीं शताब्दी के महल से निकला और सड़क पर पहुंचा, उन पर फूलों की वर्षा की गई,वहीं मुख्य द्वार के दोनों ओर खड़े लड़के और लड़कियों ने सलामी दी।
काफिले के अन्य मार्गों पर भी लोगों की भीड़ जमा हो गई और उन्होंने मुस्कुराते चेहरों के साथ हाथ हिला कर कार सवार लोगों का अभिवादन किया।
इन पुरानी कारों में 1930 की ‘शेवरले डिपोट हैक’ भी शामिल है,जिसके आगे का हिस्सा हरे रंग है। इसके अलावा काले रंग की ‘ ब्रूइक एट ’ और ‘डॉज’ भी पुराने कारों के काफिले में शामिल थीं। वर्ष 1958 की ‘एमजी’ भी इसका हिस्सा बनी जो बेंगलुरु के संतोष की है। 1938 की ‘आर्म्सस्ट्रांग सिडले’ तथा 1948 ‘हमर’ भी लोगों को इसमें देखने को मिली।
शेवरले के मालिक कोयंबटूर के केके चंद्रशेखर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘ मैंने मैसूरू के एक व्यक्ति से बीस वर्ष पहले यह कार खरीदी थी। हमारे गैराज में कारीब 35 कार हैं, इस शेवरले को पिछले एक वर्ष में तैयार किया गया है। हम इसे वडोदरा में और आजादी का अमृत महोत्सव में इसे केवड़िया ले जाकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।’’
‘21 गन सेल्यूट हेरिटेज एंड कल्चरल ट्रस्ट’ के अध्यक्ष मदन मोहन ने कहा, ‘यह आयोजन विंटेज कार प्रेमियों को हमारे देश और इसकी विरासत का जश्न मनाने के लिए साथ लेकर आया है और पुणे से लेकर असम तक के लोग अमृत महोत्सव यात्रा में शामिल होने के लिए आए हैं।’’
संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि यह कार्यक्रम ‘21 गन सेल्यूट हेरिटेज एंड कल्चरल ट्रस्ट’ ने पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया है और इसे गुजरात पर्यटन विभाग का सहयोग मिला है।
उन्होंने बताया कि इस अवसर पर वडोदरा राज्य के तत्कालीन राजा समरजीतसिंह गायकवाड़ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
गायकवाड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह बहुत गर्व की बात है कि यह विंटेज यात्रा आजादी के 75 साल पर हो रही है और पैलेस भी एक विरासत है और इस तरह दो खूबसूरत चीजें भारत का जश्न मनाने के लिए एक साथ आई हैं।’’
भाषा शोभना नरेश
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