लाहौर: पाकिस्तान के पर्वतीय पर्यटन स्थल मुर्री में भारी हिमपात और अधिक संख्या में पर्यटकों के आने के कारण वाहनों में फंसने से नौ बच्चों समेत 22 लोगों की मौत हो गई जिसके बाद शनिवार को इसे आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया.
रावलपिंडी जिले में स्थित मुर्री तक जाने वाला हर रास्ता उस वक्त अवरुद्ध हो गया जब हजारों की संख्या में वाहन शहर में आ गये और पर्यटक सड़कों पर फंस गए.
‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार लगभग एक हजार कार पर्यटन स्थल पर फंस गये. पंजाब के मुख्यमंत्री ने बचाव कार्य में तेजी लाने और फंसे हुए पर्यटकों को मदद पहुंचाने के निर्देश जारी किये.
‘रेस्क्यू 1122’ द्वारा बनाई गई सूची के अनुसार, 10 बच्चों समेत कम से कम 22 लोगों की मौत हो गयी है.
प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बयान कहा कि मुर्री जाने वाले रास्ते पर पर्यटकों की मौत की घटना से वह स्तब्ध और दुखी हैं. खान ने ट्वीट किया, ‘‘जबरदस्त बर्फबारी और मौसम की स्थिति जाने बिना भारी संख्या में पर्यटकों के आने से जिला प्रशासन तैयारी नहीं कर सका. जांच के आदेश दिए गए हैं और इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो, इसके लिए कड़े नियम बनाये जा रहे हैं.”
गृह मंत्री शेख रशीद ने एक वीडियो संदेश में कहा कि सड़कों से वाहनों को हटाने के लिए सेना को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि मुर्री में 15-20 साल बाद इतनी अधिक संख्या में पर्यटक आए थे जिसके कारण यह हादसा हुआ. रशीद ने कहा कि सरकार को इस्लामाबाद से मुर्री तक सड़क मार्ग बंद करना पड़ा.
रशीद ने कहा, “रात से एक हजार वाहन फंसे हैं… और कुछ को निकाल लिया गया है. कार में 16-19 मौतें हुईं. स्थानीय लोगों ने फंसे हुए लोगों को खाना और कपड़े उपलब्ध कराए.” उन्होंने कहा कि रविवार रात नौ बजे तक मुर्री तक जाने वाली सड़क को बंद रखा जाएगा.
‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार मंत्री ने कहा, “हमने पर्यटकों के मुर्री जाने पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है. यह मुर्री जाने का समय नहीं है.”
पंजाब सरकार ने भारी बर्फबारी होने के बाद मुर्री को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है.
पाकिस्तान मौसम विभाग ने छह से नौ जनवरी के बीच मुर्री और गलियत में भारी हिमपात का अनुमान जताया है.
क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों समेत हजारों पर्यटक कल रात से ही सड़कों पर फंसे हुए हैं. यातायात पुलिस के अधिकारी हालांकि सड़कों पर यातायात की आवाजाही को बहाल करने के लिए अपने प्रयास कर रहे है.
रावलपिंडी के उपायुक्त ने ट्विटर पर कहा, “मुर्री से लगभग 23,000 वाहनों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. लगभग 1,000 अभी भी फंसे हुए हैं.’’
नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कहा कि वह मुर्री में हुई त्रासदी से दुखी हैं और उन्होंने सवाल किया कि इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है.
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