scorecardresearch
Monday, 1 September, 2025
होमविदेशश्रीलंका में राष्ट्रपति प्रणाली को समाप्त करने के लिए विपक्ष ने संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव रखा

श्रीलंका में राष्ट्रपति प्रणाली को समाप्त करने के लिए विपक्ष ने संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव रखा

Text Size:

कोलंबो, 21 अप्रैल (भाषा) श्रीलंका के प्रमुख विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) ने देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली को खत्म करने के प्रावधान वाला एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया है।

विपक्ष ने देश में 1978 से लागू राष्ट्रपति प्रणाली को समाप्त कर संवैधानिक लोकतंत्र को दोबारा बहाल करने की मांग की है।

एसजेबी ने बृहस्पतिवार को एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया जिसमें राष्ट्रपति शासन प्रणाली को समाप्त करने समेत कई अन्य प्रावधान भी मौजूद हैं।

समागी जन बालवेगया पार्टी ने यह विधेयक ऐसे समय में पेश किया है जब श्रीलंका में लोग राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी पार्टी श्रीलंका पोदुजाना (पेरामुना) के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

श्रीलंका इस समय गंभीर आर्थिक और ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। देश में ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। एसजेबी ने मौजूदा राष्ट्रपति प्रणाली के उन्मूलन सहित विभिन्न प्रस्तावों वाले 21वें संविधान संशोधन विधेयक का मसौदा संसद के महासचिव को सौंपा।

मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने संसद को बताया, “हमने मौजूदा राष्ट्रपति प्रणाली को खत्म करने का अपना प्रस्ताव अध्यक्ष को सौंप दिया है।”

एसजेबी का विधेयक राष्ट्रपति प्रणाली को समाप्त करने और इसे एक ऐसी प्रणाली से बदलने का प्रस्ताव करता है जो संवैधानिक लोकतंत्र को मजबूत करती है। प्रस्ताव के अनुसार राष्ट्रपति देश का प्रमुख और कमांडर इन चीफ रहेगा लेकिन, राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री की नियुक्ति या बर्खास्तगी में कोई व्यक्तिगत विवेक का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं होगा।

एसजेबी के प्रस्ताव के मुताबिक प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल का प्रमुख होगा और मंत्रियों को प्रधानमंत्री की सलाह पर ही राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाएगा।

भाषा रवि कांत प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments