कोलंबो, 13 मई (भाषा) श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को भारत, जापान, अमेरिका और जापान के राजदूतों से मिलकर कर्ज में फंसे अपने देश की वित्तीय मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय फोरम बनाने पर चर्चा की।
यह द्विपीय देश वर्ष 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश की अर्थव्यस्था को पटरी पर लाने और सियासी उथल पुथल को खत्म करने के मकसद से 73 वर्षीय विक्रमसिंघे ने गत बृहस्पतिवार को श्रीलंका के 26वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
श्रीलंका की समाचार वेबसाइट हीरु न्यूज इंग्लिश ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका की वित्तीय मदद के लिए एक अंतरराष्ट्रीय फोरम बनाने पर चर्चा के लिए जापान, अमेरिका, चीन और भारत के उच्चायुक्तों से आज मिले। जापानी राजदूत श्रीलंका की स्थिति पर चर्चा के लिए शनिवार को जापान जाएंगे।’’
भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले पहले विदेशी राजूदत थे, जिन्होंने विक्रमसिंघे से मुलाकात कर देश के मौजूदा हालात पर चर्चा की। विक्रमसिंघे ने आर्थिक मदद करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया और कहा कि वह दोनों देशों के बीच और घनिष्ठ संबंध की उम्मीद कर रहे हैं।
भारत ने इस साल जनवरी से अब तक श्रीलंका को तीन अरब डॉलर से अधिक की मदद की है।
एपी संतोष नरेश
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