कोलंबो, 23 मई (भाषा) श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की निरंकुश शक्तियों पर लगाम लगाने के लिए संविधान का प्रस्तावित 21वां संशोधन कैबिनेट के समक्ष पेश किया गया है।
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा कि संशोधन पार्टी नेताओं के बीच वितरित किया जाएगा ताकि वे उस पर टिप्पणी कर सकें। उसके बाद प्रस्तावित संशोधन को अंतिम मंजूरी के लिए वापस कैबिनेट में भेजा जाएगा।
विक्रमसिंघे ने एक बयान में कहा, ’21ए को कैबिनेट में पेश किया गया, संशोधन को पार्टी नेताओं के बीच उनकी टिप्पणियों के लिए वितरित किया जाएगा। इसके बाद संशोधन को अंतिम मंजूरी के लिए वापस कैबिनेट में भेजा जाएगा। इसके खिलाफ कोई भी व्यक्ति उच्चतम न्यायालय जा सकता है।’’
संविधान के 21वें संशोधन के ‘20ए’ को रद्द करने की उम्मीद है, जिसने 19वें संशोधन को समाप्त करने के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को असीमित अधिकार दिए थे।
इस महीने की शुरुआत में राष्ट्र के नाम अपने संदेश में राजपक्षे ने संवैधानिक सुधार को लेकर संकल्प व्यक्त किया था।
भाषा अविनाश नरेश
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