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Tuesday, 17 September, 2024
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ब्रिटेन चुनाव: जीवनयापन संकट के चलते ब्रिटिश-भारतीयों के लिए गौण हो सकती है सुनक पर गर्व की भावना

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लंदन, चार जुलाई (भाषा) ब्रिटेन का ऐतिहासिक आम चुनाव ऋषि सुनक के लिए ऐसे समय पहली वास्तविक परीक्षा है जब ब्रिटिश-भारतीय समुदाय के लिए ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री पर गर्व की भावना जीवनयापन संबंधी संकट और कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के 14 साल के शासन से निराशा के कारण गौण हो सकती है।

लोगों ने नयी सरकार चुनने के लिए आज मतदान प्रक्रिया में भाग लिया।

परिणाम तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन चुनाव की पूर्व संध्या पर ‘द टाइम्स’ के लिए यूगोव द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए अंतिम सर्वेक्षण से पता चलता है कि विपक्षी लेबर पार्टी को बहुमत मिल सकता है।

अंतिम परिणाम जो भी हो, लेकिन यह स्थिति उस राजनीतिक उथल-पुथल की प्रतिबिंब है जिसके चलते ऋषि सुनक अपने ही नेतृत्व के खिलाफ आगे बढ़कर प्रधानमंत्री बने थे।

ब्रिटिश फ़्यूचर थिंक टैंक के निदेशक सुंदर कातवाला ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ब्रिटिश भारतीय मतदाताओं के लिए विशेष रूप से यह चुनाव बाकी मतदाताओं की तरह ही है। उनके पास सरकार बनाए रखने या हटाने का विकल्प है और कंजरवेटिव सरकार के 14 वर्षों के बाद लोगों का मूड इसे बनाए रखने की तुलना में बदलाव के लिए कहीं अधिक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऋषि सुनक के लिए परिणाम बेहतर नहीं रहता है तो मुझे लगता है कि अफ़सोस और निराशा की भावना होगी क्योंकि उन्हें लेकर बहुत गर्व था… लेकिन लोग उस आधार पर अपना मतदान विकल्प नहीं चुनेंगे। और इसीलिए मुझे लगता है, अधिकतर ब्रिटिश भारतीय मतदाता ऋषि सुनक को बनाए रखने के लिए वोट करने के बजाय बदलाव के लिए मतदान करने जा रहे हैं, भले ही वे भारतीय विरासत के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री होने की उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि से खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।’’

सुनक का राजनीतिक भविष्य किस ओर जाएगा, यह शुक्रवार को चुनाव का अंतिम परिणाम आने के साथ ही तय हो जाएगा।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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