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Wednesday, 20 November, 2024
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देउबा ने लुम्बिनी के पास चीन निर्मित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया

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(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, 15 मई (भाषा) नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने चीन द्वारा निर्मित देश के दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का सोमवार को उद्घाटन किया, जो भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी को दक्षिण एशिया के बौद्ध सर्किट और बाकी दुनिया से जोड़ने में मदद करेगा।

लुम्बिनी, एक प्रमुख पर्यटन और तीर्थ स्थल है।

उल्लेखनीय है कि 7 करोड़ 60 लाख अमरीकी डालर की लागत से निर्मित गौतम बुद्ध अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन उस दिन किया गया, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लुम्बिनी का दौरा किया और जलविद्युत, विकास तथा ‘कनेक्टिविटी’ सहित पड़ोसी देशों के बीच कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के लिए अपने नेपाली समकक्ष देउबा के साथ व्यापक बातचीत की ।

प्रधानमंत्री मोदी और उनका दल उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से भारतीय वायुसेना के विशेष हेलीकॉप्टर से लुम्बिनी पहुंचे। लुंबिनी में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध प्रार्थना केंद्र और सभागार के पास बने हेलीपैड पर भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर उतरा।

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल लुम्बिनी से 19 किलोमीटर दूर भैरहवा में नया हवाई अड्डा मनीला स्थित एशियाई विकास बैंक और अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए ओपेक फंड द्वारा वित्त पोषित है, लेकिन चीन के नॉर्थवेस्ट सिविल एविएशन एयरपोर्ट कंस्ट्रक्शन ग्रुप द्वारा इसका निर्माण किया गया है। हवाई अड्डे का निर्माण नेपाल में बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चीन के महत्वाकांक्षी प्रयासों का हिस्सा है।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री देउबा ने कहा कि हवाई अड्डे का उद्घाटन नेपाल के विमानन और पर्यटन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक दिन है और यह दीर्घकाल में देश के समग्र विकास और समृद्धि में योगदान देगा।

इस अवसर पर नेपाल के लिए एडीबी के ‘कंट्री डायरेक्टर’ अरनौद काचोइस ने महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हवाई अड्डे के पूरा होने और खोलने पर नेपाल सरकार को बधाई दी।

काचोइस ने कहा कि हवाईअड्डा पर्यटन की सुविधा, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों का विस्तार, स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करने और प्रवासी श्रमिकों और आसपास के प्रांतों में रहने वाले लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन पहुंच में सुधार करके देश के समग्र विकास की आधारशिला तैयार करेगा।

नए हवाईअड्डे में 15,169 वर्ग मीटर का टर्मिनल भवन और 3,000 मीटर का एक नया रनवे है। इसके अलावा, जीबीआईए में एक उन्नत इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, जो नेपाल के लिए पहली बार कम दृश्यता में भी विमान को उतरने की अनुमति देगा।

संस्कृति, पर्यटन और नागरिक विमानन मंत्री प्रेम बहादुर आले ने कहा, ‘’‘हवाईअड्डे का खुलना देश के लिए गर्व का क्षण है। नेपाल के दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में, यह काठमांडू में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए एक विकल्प के रूप में काम करेगा, और खराब मौसम या अन्य तकनीकी मुद्दों की स्थिति में एयरलाइंस को अब अन्य देशों में नहीं जाना पड़ेगा।’’

लुम्बिनी की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी ने अपने नेपाली समकक्ष देउबा के साथ वहां तकनीकी रूप से उन्नत भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र की आधारशिला रखी। इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाने पर, केंद्र एक विश्व स्तरीय सुविधा होगा जो भारत की बढ़ती उदार शक्ति को पेश करते हुए बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक पहलुओं के सार का आनंद लेने के लिए दुनिया भर के तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का स्वागत करेगा।

भाषा नरेश नरेश सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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