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Friday, 28 June, 2024
होमविदेशएक ज़बरदस्त खोज: हमें पर्थ के पास पृथ्वी की आदिम परत के अवशेष कैसे मिले

एक ज़बरदस्त खोज: हमें पर्थ के पास पृथ्वी की आदिम परत के अवशेष कैसे मिले

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(क्रिस किर्कलैंड, जियोक्रोनोलॉजी के प्रोफेसर, कर्टिन विश्वविद्यालय)

पर्थ, 21 जून (द कन्वरसेशन) हमारे ग्रह का जन्म लगभग 4.5 अरब वर्ष पहले हुआ था। इस आश्चर्यजनक लंबे इतिहास को समझने के लिए, हमें चट्टानों और उन खनिजों का अध्ययन करने की आवश्यकता है जिनसे वे बने हैं।

ऑस्ट्रेलिया की चट्टानें, जो पृथ्वी पर सबसे पुरानी चट्टानों में से कुछ हैं, पर्थ से 700 किलोमीटर उत्तर में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के मर्चिसन जिले में पाई जाती हैं। यह लगभग 4 अरब वर्ष पुरानी बताई गई है।

एक नए अध्ययन में, हमें पर्थ के दक्षिण में कोली के पास समान उम्र की चट्टानों के प्रमाण मिले हैं। इससे पता चलता है कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की प्राचीन चट्टानें हमारी जानकारी से कहीं अधिक बड़े क्षेत्र को कवर करती हैं, जो भूपर्पटी में गहरी दबी हुई हैं।

प्रारंभिक पृथ्वी को समझने के लिए ऑस्ट्रेलिया की प्राचीन परत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें बताती है कि महाद्वीपीय परत कैसे बनी और विकसित हुई।

महाद्वीपीय परत उन भूभागों की नींव बनाती है जहां मनुष्य रहते हैं, पारिस्थितिक तंत्र का समर्थन करते हैं और सभ्यता के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करते हैं। इसके बिना ताज़ा पानी नहीं होगा। यह सोने और लोहे जैसे खनिज संसाधनों से समृद्ध है, जो इसे आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है।

हालाँकि, प्राचीन महाद्वीपीय परत की खोज करना आसान नहीं है। इसका अधिकांश भाग गहराई में दबा हुआ है, या इसके पर्यावरण द्वारा तीव्रता से संशोधित किया गया है। केवल कुछ ही उजागर क्षेत्र हैं जहां शोधकर्ता सीधे इस प्राचीन परत का निरीक्षण कर सकते हैं।

इस छिपी हुई प्राचीन परत की उम्र और संरचना को समझने के लिए, वैज्ञानिक अक्सर अप्रत्यक्ष तरीकों पर भरोसा करते हैं, जैसे ऊपरी घाटियों में संरक्षित नष्ट हुए खनिजों का अध्ययन करना, या ध्वनि तरंगों, चुंबकत्व या गुरुत्वाकर्षण की रिमोट सेंसिंग का उपयोग करना।

हालाँकि, गहरी परत में झांकने का एक और तरीका भी हो सकता है और अगर भाग्य साथ दे, इसका नमूना भी ले सकते हैं।

हमारे ग्रह की परत अक्सर लोहे और मैग्नीशियम से भरपूर मैग्मा की काली उंगलियों से कट जाती है, जो ऊपरी परत से लेकर पृथ्वी के आवरण तक फैल सकती है। ये संरचनाएँ, जिन्हें डाइक के रूप में जाना जाता है, कम से कम 50 किलोमीटर की गहराई से आ सकती हैं (सबसे गहरे बोरहोल से भी अधिक गहरी, जो केवल 12 किलोमीटर तक फैली होती है)।

ये डाइक गहराई से छोटी मात्रा में खनिज उठा सकते हैं और उन्हें सतह तक पहुंचा सकते हैं, जहां हम उनकी जांच कर सकते हैं।

हमारे हालिया अध्ययन में, हमने इनमें से एक डाइक से जिरकोन के दानों की गणना करके प्राचीन दबी हुई चट्टान के साक्ष्य को उजागर किया है।

जिरकोन में थोड़ी मात्रा में यूरेनियम होता है, जो समय के साथ क्षय होकर सीसा बन जाता है। जिरकोन के दानों में सीसा और यूरेनियम के अनुपात को सटीक रूप से मापकर, हम बता सकते हैं कि दाना कितने समय पहले क्रिस्टलीकृत हुआ था।

इस विधि से पता चला कि डाइक से निकले जिरकोन क्रिस्टल 3.44 अरब वर्ष पुराने हैं।

टाइटैनाइट कवच

जिरकोन एक अलग खनिज में संपुटित होते हैं, जिसे टाइटैनाइट कहा जाता है, जो डाइक में जिकरोन की तुलना में रासायनिक रूप से अधिक स्थिर है। एक उबली हुई चीनी की मिठाई के अंदर फंसे नमक के एक दाने के बारे में सोचें, जो गर्म चाय के कप में गिरा दिया गया हो।

टाइटैनाइट कवच की स्थिरता ने डाइक के ऊपर की ओर बढ़ने पर रासायनिक, दबाव और तापमान की स्थिति में परिवर्तन के माध्यम से प्राचीन जिरकोन क्रिस्टल की रक्षा की। यात्रा के दौरान डाइक में बिना परिरक्षित जिरकोन क्रिस्टल को दृढ़ता से संशोधित किया गया, जिससे उनके समस्थानिक रिकॉर्ड नष्ट हो गए।

हालाँकि, पृथ्वी के प्रारंभिक इतिहास की एक दुर्लभ झलक प्रदान करने के लिए टाइटैनाइट में अंद दाने बरकरार रहे।

डाइक, जो स्वयं लगभग 1.4 अरब वर्ष पुराना है, ने प्राचीन परत में एक अनूठी खिड़की दिखाई है जो अन्यथा छिपी रहती। हमें उत्तर की ओर स्वान नदी की रेत में ऐसे ही प्राचीन जिरकोन के दाने भी मिले, जो पर्थ से होकर उसी क्षेत्र में बहती है, जो इन प्राचीन सामग्रियों की उम्र और उत्पत्ति की पुष्टि करता है।

परिणाम प्राचीन क्रस्ट के ज्ञात क्षेत्र का विस्तार करते हैं, जिसे पहले मर्चिसन जिले के नैरियर क्षेत्र में पहचाना गया था।

गहरी पपड़ी को समझना महत्वपूर्ण होने का एक कारण यह है कि हम अक्सर इस पपड़ी के ब्लॉकों के बीच की सीमाओं पर धातुएँ पाते हैं। इन ब्लॉकों के मानचित्रण से खनन क्षमता की जांच के लिए क्षेत्रों का मानचित्रण करने में मदद मिल सकती है।

तो अगली बार जब आप कोई चट्टान का टुकड़ा उठाएँ और कुछ खनिज कण आपके हाथ पर रगड़ें, तो यह सोचें कि वे कण कितने समय से आसपास रहे होंगे।

समय के पैमाने को समझने के लिए, कल्पना करें कि हमारे ग्रह का इतिहास एक वर्ष लंबा था। पृथ्वी 12 महीने पहले घूमती हुई धूल से बनी थी। पर्थ के आसपास आप जो भी मुट्ठी भर रेत उठाएंगे उसमें लगभग दस महीने पहले के एक या दो दाने होंगे। ऑस्ट्रेलिया का अधिकांश सोना सात महीने पहले बना था, और भूमि पर पौधे केवल एक महीने पहले आए थे।

दो सप्ताह पहले, डायनासोर दिखाई दिए। पिछले 30 मिनट में पूरी मानवता आ गई है। और आप? सच कहें तो, इस पैमाने पर, आपका जीवन लगभग आधे सेकंड तक चलेगा।

द कन्वरसेशन एकता एकता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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