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Friday, 29 March, 2024
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आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए अफगानिस्तान के तालिबान शासन पर नजर है पाकिस्तान की: विदेश मंत्री बिलावल

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(सज्जाद हुसैन)

न्यूयॉर्क/इस्लामाबाद, 19 मई (भाषा) पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि के बीच पाकिस्तान को उम्मीद है कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन अपनी ज़मीन को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देने की अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता पर खरा उतरेगा।

बिलावल ने कहा कि अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं का पाकिस्तान में लोगों के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। बिलावल ने पिछले महीने कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर कहा कि इस्लामाबाद पड़ोसी देश काबुल में पैदा हो रहे मानवीय संकट के आलोक में कट्टर इस्लामवादियों के साथ साझेदारी की वकालत करता रहेगा।

पूर्व आईएसआई प्रमुख और वर्तमान पेशावर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के नेतृत्व में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार को अफगानिस्तान में एक बैठक में, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान आतंकवादी समूह ने कबायली नेताओं की मांगों पर संघर्ष विराम को 30 मई तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बुधवार को सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में पाकिस्तानी सेना और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बीच घोषित संघर्ष विराम के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम न केवल स्थिति पर निगरानी रखते हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी तरफ से काम करते हैं कि आतंकवाद के खतरे से निपटने की कोशिश कर सकें। हम आशा करते हैं कि अफगानिस्तान में शासन आतंकवाद के लिए अपनी ज़मीन का इस्तेमाल नहीं होने देने की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता पर खरा उतरेगा।”

हाल ही में एक घटना में, पाकिस्तान के अशांत उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले में एक आत्मघाती विस्फोट में पाकिस्तानी सेना के तीन सैनिक और तीन बच्चे मारे गए थे। यह इलाका अफगानिस्तान की सीमा से भी सटा हुआ है।

पिछले महीने पाकिस्तान ने पूर्वी अफगानिस्तान में हवाई हमले किए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हमले एक शरणार्थी शिविर और एक अन्य स्थान पर हुए, जिनमें कम से कम 40 लोग मारे गए।

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान के करीब 10,000 आतंकवादी छिपे हुए हैं।

पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों पर नज़र रखने वाले इस्लामाबाद स्थित एक थिंक-टैंक ”पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ पीस स्टडीज’’ के अनुसार पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के शासन पर नियंत्रण के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान को काबुल में मौजूदा प्रशासन को स्वीकार करने के लिए क्या करना होगा, बिलावल ने कहा था कि इस संबंध में कोई भी निर्णय अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ चर्चा के अनुरूप लिया जाना चाहिए।

बिलावल ने कहा पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मानना ​​है कि अगर हम एक बार फिर अफगानिस्तान के लोगों को छोड़ देते हैं तो यह हमारे हित में नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तान के साथ जुड़ा हुआ है, चाहे सत्ता में कोई भी हो।

बिलावल वर्तमान में अमेरिका में ‘‘ग्लोबल फूड सिक्योरिटी कॉल टू एक्शन’’ पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के निमंत्रण पर अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं।

बुधवार को, बिलावल ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और द्विपक्षीय और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया।

बिलावल के साथ अपनी बैठक से पहले अपनी टिप्पणी में ब्लिंकन ने कहा कि वाशिंगटन विदेश मंत्री के साथ और पाकिस्तान में एक नई सरकार के साथ काम करने को लेकर बहुत खुश है।

भाषा फाल्गुनी वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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