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Monday, 23 September, 2024
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राजपक्षे ने ईस्टर हमले के पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने का संकल्प लिया

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कोलंबो, 21 अप्रैल (भाषा) श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को प्रतिबद्धता जतायी कि देश की सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक कि 2019 ईस्टर आतंकी हमलों के दोषियों को न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता।

श्रीलंका में 21 अप्रैल 2019 को हुए इस आतंकवादी हमले में 11 भारतीयों सहित 270 लोगों की मौत हो गई थी।

राजपक्षे ने ट्वीट किया, ‘‘आज हम तीन साल पहले ईस्टर की सुबह हुए उस भयानक घटना को याद करते हैं। हम निर्दोष लोगों की क्षति और प्रभावित हुए लोगों के लिए दुख जताते हैं। श्रीलंकाई सरकार ने तब से हमले के जिम्मेदार व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया है।’’

आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) से जुड़े नौ आत्मघाती हमलावरों ने 21 अप्रैल, 2019 को तीन कैथोलिक गिरजाघरों और कई होटलों में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट किये थे जिसमें 11 भारतीयों सहित लगभग 270 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से अधिक घायल हो गए थे।’’

उस हमले को लेकर श्रीलंका में राजनीतिक तूफान आ गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पर पूर्व खुफिया जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद हमलों को रोकने में असमर्थता के लिए निशाना साधा गया था।

राजपक्षे ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘अब तक 735 लोगों को हिरासत में लिया गया है, 79 लोगों के खिलाफ 25,653 आरोपों के तहत 27 मामले दर्ज किए गए हैं। जब तक दोषियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता तब तक सरकार चैन से नहीं बैठेगी।’’

स्थानीय गिरजाघर के प्रमुख एवं कोलंबो के आर्कबिशप मैल्कम कार्डिनल रंजीत के नेतृत्व में पीड़ितों के परिवारों ने जांच की धीमी गति की आलोचना की है। इनका दावा है कि यह लीपापोती के लिए एक राजनीतिक चाल है।

रविवार को श्रीलंका की राजधानी में ईस्टर पर हुए आतंकी हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग को लेकर सैकड़ों लोगों ने मौन विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी देश में ईंधन, भोजन और दवाओं की गंभीर कमी के कारण उत्पन्न आर्थिक संकट के कारण राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके परिवार के सभी सदस्यों के इस्तीफे की मांग को लेकर कोलंबो में राष्ट्रपति कार्यालय के पास डेरा डाले हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गए।

बैनर और तख्तियां लिये प्रदर्शनकारियों ने ईस्टर हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय की गुहार लगाई।

भाषा अमित उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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