(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 11 जुलाई (भाषा) नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ को छोड़कर नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बनाने के अपनी पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता और देश के विकास के लिए यह आवश्यक है।
सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल ने पिछले सप्ताह नेपाली कांग्रेस के साथ सत्ता साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। माना जा रहा है कि प्रचंड शुक्रवार को विश्वास मत हासिल नहीं कर पाएंगे।
नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और इसके 89 सदस्य हैं जबकि सीपीएन-यूएमएल के 78 सदस्य हैं । दोनों दलों के एक साथ आ जाने के बाद नये गठबंधन के पास 167 सदस्य हो गये हैं जो बहुमत के लिये आवश्यक 138 सीट से कहीं अधिक है। प्रचंड की पार्टी के पास कुल 32 सीट है।
प्रचंड के विश्वासमत हसिल नहीं कर पाने की सूरत में ओली शनिवार को प्रधानमंत्री बन सकते हैं और रविवार को वह पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं ।
पार्टी सचिवालय में बुधवार को ओली (72) ने कहा कि दो बड़े राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन ‘‘देश के विकास और राजनीतिक स्थिरता को बनाये रखने के लिये आवश्यक था।’’
सीपीएन-यूएमएल के आठ कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे के बाद प्रचंड (69) ने घोषणा की थी कि वह त्यागपत्र नहीं देंगे बल्कि संसद में विश्वास मत का सामना करेंगे।
नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने संसद के शेष तीन साल के कार्यकाल के लिए बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रचंड ने आरोप लगाया कि ओली ने उन्हें धोखा दिया है।
सीपीएन-माओवादी संसदीय समिति की बैठक में प्रचंड ने कहा, ‘‘ओली ने मुझे बेवजह धोखा दिया।’’
भाषा रंजन रंजन शोभना
शोभना
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.