कथित तौर पर 8 जून, 1987 को द टेलीग्राफ द्वारा ‘आईआईटी छात्र पर बलात्कार का आरोप’ शीर्षक के साथ प्रकाशित एक अखबार की क्लिपिंग ऑनलाइन फिर से एक बार वायरल हो रही है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वह छात्र अब दिल्ली का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है. इसमें आगे कहा गया है कि पीड़िता ने केजरीवाल के खिलाफ एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.
क्लिपिंग में कहा गया है, “प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) परिसर अपने एक छात्र पर एक स्थानीय लड़की के साथ बलात्कार का आरोप लगाए जाने की खबर से स्तब्ध है. परिसर में आने के बाद पुलिस ने देखा कि आरोपी छात्र हॉस्टल के कमरे में छिप रहा था उसके बाद पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने कहा कि अरविंद केजरीवाल नाम का 19 वर्षीय छात्र शुक्रवार की रात दोस्तों के साथ पार्टी के लिए निकला था, लेकिन हॉस्टल नहीं लौटा.”
फैक्ट चेकः क्या है सच्चाई
बूम ने इस दावे को खारिज किया. उसने पहले भी जनवरी 2020 में इसी दावे को खारिज किया था जब यह दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले यह वायरल हुआ था. पड़ताल में पता चला था कि न्यूज आर्टिकिल नकली था, और एक ऑनलाइन न्यूज पेपर क्लिप जनरेटर का उपयोग करके इस क्लिप को बनाया गया था. बूम ने तमाम कीवर्ड्स को सर्च किया लेकिन उसे इसके बारे में कोई ठोस और विश्वसनीय जानकारी नहीं मिली. इसके बाद उसे पता चला कि इस क्लिपिंग को ऑनलाइन न्यूज़ पेपर क्लिप जेनरेटर का उपयोग करके बनाया गया था. फिर उसने उसी वेबसाइट का उपयोग करके एक अखबार की क्लिपिंग बनाने की कोशिश की, और पाया कि जनरेटर ने उसके द्वारा बनाई गई सभी न्यूज़ क्लिप का तीसरा कॉलम बिल्कुल एक जैसा था.
इसके अलावा, बूम ने भारत के चुनाव आयोग को सौंपे गए अरविंद केजरीवाल के हलफनामे को देखा और पाया कि उन्हें ऐसे किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है. बूम ने पहले भी दिल्ली पुलिस से संपर्क किया था, जिसने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था.
(यह स्टोरी मूल रूप से बूम वेबसाइट द्वारा शक्ति कलेक्टिव के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई थी. हेडलाइन, एक्सर्प्ट और पहले पैरा के अलावा, इस स्टोरी के भावार्थ को दिप्रिंट स्टाफ द्वारा संपादित करके नहीं बदला गया है.)
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