पर्थ, दो मई (भाषा) लगातार तीन मैच में हार झेलने के बाद भारत शनिवार को यहां जब पांच मैचों की श्रृंखला के अपने चौथे मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया से फिर भिड़ेगा तो उसकी निगाह नई रणनीति आजमाकर इस दौरे का सकारात्मक अंत करने पर होगी।
सलीमा टेटे के नेतृत्व में भारतीय टीम को पहले दो मैचों में ऑस्ट्रेलिया ए से 3-5 और 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वह गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम से 0-2 से हार गई थी।
अगले साल विश्व कप और अगले महीने यूरोप में हॉकी प्रो लीग को ध्यान में रखते हुए यह दौरा भारत के लिए अपनी तकनीक और रणनीति को सुव्यवस्थित करने का सबसे अच्छा मौका है। लेकिन दुर्भाग्य से उसे अभी तक सफलता नहीं मिली है।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम के खिलाफ आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया था लेकिन यह जीत हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं था। ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत की रक्षा पंक्ति में सेंध लगाने में सफल रही थी। उसकी तरफ से कर्टनी शोनेल ने नौवें मिनट में जबकि ग्रेस स्टीवर्ट ने 52वें मिनट में गोल किया।
भारत के मुख्य कि कोच हरेंद्र सिंह ने हॉकी इंडिया की एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘महिला टीम मजबूत बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। ऑस्ट्रेलिया के दौर में हमें अभी तक हालांकि जीत नहीं मिली है लेकिन कई सकारात्मक पहलू हमारे पक्ष में रहे हैं।’’
टीम में अनुभव और युवाओं का अच्छा मिश्रण है। पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने के बाद से टीम ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन अब भी बहुत सुधार करने की जरूरत है।
भारत की पुरुष टीम के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘(ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) हार दुख पहुंचाती है, खासकर जब हमने आसान गोल खाए हों। लेकिन इन मैचों में खेलने का फायदा भारतीय टीम को भविष्य में मिलेगा।’’
हरेंद्र ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ खेलने से युवा खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम को जितने अधिक मैच खेलने को मिलेंगे, खिलाड़ियों विशेष कर युवा खिलाड़ियों के लिए उतना ही बेहतर होगा। यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि टीम को आगे बढ़ाने के लिए मजबूत टीमों के खिलाफ खेलना बहुत महत्वपूर्ण होता है।’’
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पंत मोना
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