राजगीर, 18 नवंबर (भाषा) आत्मविश्वास से ओतप्रोत अपराजेय भारतीय टीम मंगलवार को महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जापान के खिलाफ सही समय पर आक्रामकता और चाक चौबंद रक्षण की रणनीति के साथ उतरेगी ।
मौजूदा प्रदर्शन को देखें तो गत चैम्पियन भारतीय टीम का पलड़ा भारी लग रहा है जिसने आखिरी लीग मैच में जापान को 3 . 0 से हराया था ।
दुनिया की नौवे नंबर की टीम भारत ने पांचों मैच जीते हैं जिसमें ओलंपिक रजत पदक विजेता और दुनिया की छठे नंबर की टीम चीन के खिलाफ 3 . 0 से मिली जीत शामिल है ।
भारत के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने कहा ,‘‘ हमें पता है कि टीम की क्या कमजोरियां और ताकत है । हमारे लिये यह टूर्नामेंट अपनी ताकत पर काम करने और आक्रमण तथा रक्षण का संतुलन बनाकर खेलने को लेकर है । अभी तक रणनीति पर बखूबी अमल हुआ है लेकिन सेमीफाइनल की बात अलग होगी ।’’
भारतीय टीम को आत्ममुग्धता से बचना होगा क्योंकि एक गलती भारी पड़ सकती है ।
छह टीमों के इस टूर्नामेंट में शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंची है । दूसरे सेमीफाइनल में चीन का सामना मलेशिया से होगा ।
हरेंद्र ने कहा ,‘‘ हमें जापान से कड़ी चुनौती मिल सकती है क्योंकि अभ्यास मैच और पूल मैच अलग होते हैं । यह सेमीफाइनल है और हर टीम तैयारी के साथ आती है । जापान की टीम अच्छी है और हमें होमवर्क पक्का रखना होगा ।’’
भारत की बैकलाइन उदिता, सुशीला चानू और वैष्णवी विट्ठल फाल्के ने शानदार प्रदर्शन किया है । गोलकीपर सविता पूनिया और बिछू देवी खारीबम को अभी तक चुनौती नहीं मिल सकी है ।
भारतीय टीम ने पिछले कुछ मैचों में आक्रामकता की मिसाल पेश की है और सर्कल के भीतर फैसले लेने में भी माहिर साबित हुई है जिससे कुछ दर्शनीय गोल किये गए । भारत को दीपिका के रूप में बेहतरीन स्ट्राइकर और ड्रैग फ्लिकर मिल गया है जो अब तक दस गोल कर चुकी है । इसमें पांच पेनल्टी कॉर्नर पर , एक पेनल्टी स्ट्रोक पर और चार फील्ड गोल हुए ।
कप्तान सलीमा टेटे ने मिडफील्ड में नेहा गोयल, नवनीत कौर और ब्यूटी डुंगडुंग के साथ कमान संभाल रखी है ।
भाषा मोना सुधीर
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