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Tuesday, 19 November, 2024
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हमें कई देशों की बराबरी करनी होगी: भारतीय बास्केटबॉल कोच स्कॉट फ्लेमिंग

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चेन्नई, 19 नवंबर (भाषा) भारतीय बास्केटबॉल टीम के मुख्य कोच स्कॉट फ्लेमिंग ने मंगलवार को स्वीकार किया कि देश को इस खेल में अभी बहुत काम करना है और उन्होंने अपने खिलाड़ियों से अधिक अनुशासन और सामंजस्य की मांग की।

फ्लेमिंग की टीम फिबा ​​एशिया कप क्वालीफायर के भारतीय चरण की तैयारी कर रही है। विश्व रैंकिंग में 76वें स्थान पर काबिज भारतीय टीम वर्तमान में कजाखस्तान और ईरान से हारने के बाद अपने ग्रुप तालिका में सबसे नीचे है।

मेजबान के रूप में भारत यहां कतर (22 नवंबर) और कजाखस्तान (25 नवंबर) से भिड़ेगा और उन्हें अंतिम दौर में जगह बनाने की संभावना बरकरार रखने के लिए असाधारण प्रदर्शन करना होगा।

फ्लेमिंग ने एशिया कप क्वालीफायर के ‘मीडिया-डे इवेंट’ के इतर पीटीआई से कहा, ‘‘हमें कई देशों की बराबरी करनी होगी। मैं अमेरिका से हूं जहां एनबीए बास्केटबॉल है और कॉलेज बास्केटबॉल बहुत बड़ा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां बेहतर होने की कोशिश कर रहे हैं और खुद की तुलना अन्य जगहों से नहीं कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह आगे बढ़ रहा है। अभी बहुत सी चीजें आगे बढ़ रही हैं। मुझे उम्मीद है कि हर कोई धैर्य रखेगा, यहां तक ​​कि इस टीम के साथ भी।’’

फ्लेमिंग ने कहा, ‘‘हम एक बहुत ही युवा टीम हैं। हम ज्यादातर 25 साल से कम उम्र के हैं। हम पहले से बेहतर हैं। जब ये खिलाड़ी लगभग 30 के आसपास होंगे तो हम ऐसे खिलाड़ी होंगे जिनका मुकाबला करना आसान नहीं होगा। हम इससे पहले भी ऐसा कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम बस अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने की कोशिश कर सकते हैं। इनमें से बहुत से खिलाड़ी मेरी एनबीए अकादमी में थे। हम बहुत बेहतर हो गए हैं और भविष्य में यह और भी बेहतर होने वाला है।’’

फ्लेमिंग का भारत के साथ यह दूसरा कार्यकाल है। वह इससे पहले 2012-15 के बीच टीम के कोच रह चुके हैं।

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि कोई भारतीय खिलाड़ी नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) में जगह बनाने की क्षमता रखता है तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है।

फ्लेमिंग ने कहा, ‘‘मैं वास्तव में अभी ऐसा नहीं कह सकता लेकिन इन युवा खिलाड़ियों के साथ कुछ भी हो सकता है। मैं कभी भी उनकी क्षमताओं को सीमित नहीं करना चाहता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक मैं किसी खास स्तर के खिलाड़ी को नहीं देख लेता तब तक आपको यह समझना होगा कि केवल एक प्रतिशत या उससे भी कम अमेरिकी खिलाड़ी ही एनबीए में जगह बना पाते हैं। ये दुनिया के सबसे महान खिलाड़ी हैं।’’

भाषा सुधीर आनन्द

आनन्द

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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