… अमित कुमार दास …
नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की महिला बैडमिंटन जोड़ी के खेल से प्रभावित पूर्व राष्ट्रीय कोच विमल कुमार का मानना है कि अगर युवा भारतीय जोड़ी पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई करती है तो ओलंपिक पदक की निश्चित दावेदार होगी। दोनों खिलाड़ियों की उम्र लगभग 20 साल है और इस जोड़ी ने बैडमिंटन एशिया टीम चैम्पियनशिप (बीएटीसी) में भारत के स्वर्ण पदक अभियान के दौरान चीन, जापान और थाईलैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। इस जोड़ी ने टूर्नामेंट के सेमीफाइनल और फाइनल में क्रमश: विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर काबिज जापान की नामी मात्सुयामा एवं चिहारू शिदा और दुनिया के 10वें नंबर की जोड़ी थाईलैंड की जोंगकोलफान कितिथाराकुल और राविंडा प्रा जोंगजई को शिकस्त दी। इस जोड़ी ने लीग चरण में चीन के विश्व नंबर 22वें स्थान पर काबिज लुओ जू मिन और ली यी जिंग की जोड़ी को भी शिकस्त दी थी। पुरुष टीम के अभियान के बाद देश लौटे विमल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इस सप्ताह उन्होंने जिस तरह से प्रदर्शन किया है, उसके लिए मैं त्रीसा और गायत्री को बहुत श्रेय देता हूं। उन्होंने अविश्वसनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। अगर उनकी जोड़ी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही तो उनके पास पदक का एक बड़ा मौका है। हम निश्चित रूप से उनसे पदक की उम्मीद कर सकते हैं।’’ राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता गायत्री और त्रीसा विश्व रैंकिंग में 27वें स्थान पर हैं लेकिन ओलंपिक खेलों के क्वालीफिकेशन में यह जोड़ी 14वें पायदान पर हैं। पिछले सत्र के आखिरी में गायत्री की चोट के कारण यह जोड़ी कुछ टूर्नामेंटों में नहीं खेल पायी थी। जिससे उनकी रैंकिंग 16वें से 23वें स्थान पर खिसक गयी। बीएटीसी ‘रेस टू पेरिस 2024’ के लिए रैंकिंग अंक प्रदान करता है और भारतीय जोड़ी को इस सप्ताह अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद कुछ अहम अंक मिलेंगे। भारत के लिए युवा खिलाड़ी अनमोल खरब ने भी अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया और विमल ने उनकी तुलना टेनिस के दिग्गज लिएंडर पेस से की। अपने पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में फरीदाबाद की 17 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी उम्र से कहीं अधिक परिपक्वता दिखाई। उसने चीन, जापान और थाईलैंड के खिलाफ तीनों निर्णायक पांचवें दौर में उच्च रैंकिंग वाले प्रतिद्वंद्वी को पछाड़कर भारत की जीत सुनिश्चित की। उन्होंने कहा, ‘‘अनमोल का बेखौफ खेल सबके सामने हैं। वह धैर्यवान है और उसका रवैया और दृष्टिकोण टीम चैंपियनशिप के लिए एकदम सही है। हम हमेशा महिला एकल के बारे में चिंतित थे, और अचानक अनमोल सामने आई। यह उत्साहवर्धक है और हमें बहुत उम्मीद देता है।’’ बेंगलुरु स्थित प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी (पीपीबीए) के निदेशक विमल ने कहा, ‘‘टीम मैचों में, बहुत दबाव होता है लेकिन वह इसका लुत्फ उठा रही थी। इससे उसे सभी महत्वपूर्ण मैच जीतने में मदद मिली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘टेनिस में अगर आप इसे देखें तो लिएंडर पेस ने डेविस कप में हमेशा असाधारण अच्छा खेला है और भारत के लिए शानदार परिणाम दिए हैं। अनमोल में भी उसी तरह की भावना है। अग यह अहम है कि वह इसे कैसे आगे बढ़ती है।’’ भाषा आनन्द आनन्द नमितानमिता
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