नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने बृहस्पतिवार को प्रस्ताव रखा कि केवल ओलंपिक, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में शामिल खेलों को ही भविष्य के राष्ट्रीय खेलों में शामिल करने पर विचार किया जाए। इस कदम का उद्देश्य ‘कई क्षेत्रीय खेलों’ को पदक स्पर्धाओं में शामिल होने से रोकना है।
उषा ने कहा कि वह आईओए की अगली आम सभा में इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का इरादा रखती हैं।
उन्होंने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा कि केवल उन्हीं खेलों को कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए जिनकी संचालन संस्था राष्ट्रीय खेलों के शुरू होने से एक साल पहले आईओए के साथ राष्ट्रीय महासंघ के रूप में ‘अच्छी स्थिति’ में हो।
इसका मतलब यह हो सकता है कि जिस राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) का खेल राष्ट्रीय खेलों में पदक सूची में शामिल होगा उसे आईओए से मान्यता प्राप्त होना चाहिए और उसके चुनाव भी होने चाहिए। इसके अलावा उसकी स्थिति में कोई कानूनी विवाद नहीं होना चाहिए और संबद्धता शुल्क जमा करना होगा।
उषा ने आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हाल के खेलों में प्रदर्शनी खेलों के रूप में स्वदेशी क्षेत्रीय खेलों को शामिल करना एक उल्लेखनीय विशेषता रही है जिसका उद्देश्य स्थानीय दर्शकों को आकर्षित करना और क्षेत्रीय खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि पिछले खेलों के दौरान कई क्षेत्रीय खेलों को खेल तकनीकी संचालन समिति (जीटीसीसी) द्वारा पदक कार्यक्रम में शामिल किया गया था। आईओए इन खेलों के महत्व को पहचानता है लेकिन प्रदर्शनी और पदक स्पर्धाओं के बीच स्पष्ट अंतर बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देता है।’’
आईओए अध्यक्ष ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि राष्ट्रीय खेलों के पदक विजेता राज्य और केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण, मूल वेतन में वृद्धि और पुरस्कार राशि जैसे लाभ के हकदार हैं जिससे पदक स्पर्धाओं को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में मान्यता प्राप्त खेलों के साथ जोड़ना और भी आवश्यक हो जाता है।
उन्होंने बयान में कहा, ‘‘आईओए अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा राष्ट्रीय खेलों में पदक खेलों के दायरे को फिर से परिभाषित करने के लिए अगली आम सभा की बैठक में एक प्रस्ताव पेश करने का इरादा रखती हैं।’’
बयान के अनुसार, ‘‘प्रस्ताव में सिफारिश की गई है कि आगामी ओलंपिक खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में शामिल किए गए खेलों को ही राष्ट्रीय खेलों में शामिल करने पर विचार किया जाए, बशर्ते कि आईओए से मान्यता प्राप्त संबंधित राष्ट्रीय महासंघ खेलों के शुरू होने से कम से कम एक वर्ष पहले आईओए के साथ अच्छी स्थिति में हो।’’
यह पूछे जाने पर कि ‘आईओए के साथ अच्छी स्थिति’ का क्या मतलब होगा, आईओए के एक सूत्र ने कहा, ‘‘इसका मतलब होगा कि एनएसएफ का गठन चुनावों के माध्यम से उचित तरीके से किया गया है, कोई कानूनी विवाद नहीं है, यह आईओए से मान्यता प्राप्त है, संबद्धता शुल्क का भुगतान किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी काम राष्ट्रीय खेलों के शुरू होने से एक साल पहले किए जाने चाहिए। संक्षेप में, राष्ट्रीय खेलों के शुरू होने से कम से कम एक साल पहले एनएसएफ को सभी पहलुओं में ठीक से काम करना चाहिए।’’
आईओए ने 2010-11 से 2024-25 तक मान्यता प्राप्त एनएसएफ की सूची भी प्रकाशित की।
कुल 41 एनएसएफ को सूचीबद्ध किया गया जिनमें से तीन- भारतीय ताइक्वांडो महासंघ, भारतीय शीतकालीन खेल महासंघ और भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ अब आईओए से मान्यता प्राप्त नहीं है।
दो एनएसएफ भारतीय नौकायन संघ और भारतीय घुड़सवारी महासंघ एसोसिएट सदस्य हैं।
चार एनएसएफ- भारतीय जूडो महासंघ, भारतीय वॉलीबॉल महासंघ, भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ और स्की एवं स्नोबोर्ड इंडिया वर्तमान में या तो अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासक के अधीन हैं या तदर्थ समिति द्वारा चलाए जा रहे हैं।
सूची यह भी दर्शाती है कि आईओए को अब भी कुछ पूर्ण सदस्य एनएसएफ से वर्ष 2024-25 के लिए संबद्धता शुल्क नहीं मिला है।
भाषा सुधीर नमिता
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