(जी उन्नीकृष्णन)
दुबई, 10 मार्च (भाषा) लोकेश राहुल सफलतापूर्वक छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने के बाद खुश हैं और उन्होंने इसे अपनी अथक ‘तैयारी’ और अपने खेल में लगातार सुधार का नतीजा बताया।
आमतौर पर पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले राहुल को चैंपियन्स ट्रॉफी में एक स्थान नीचे खिसका दिया गया और उन्होंने यहां चार पारियों में 140 रन बनाए।
रविवार को चैंपियन्स ट्रॉफी में भारत की खिताबी जीत के बाद राहुल ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए वाकई सुखद है। मैं अलग-अलग भूमिकाओं में जो काम कर रहा हूं उसके लिए काफी तैयारी की जरूरत होती है। क्रिकेट के मैदान से बाहर काम, यह सोचना कि मुझे प्रत्येक मैच को कैसे लेना है और विभिन्न परिस्थितियों में कैसे प्रदर्शन करना है, पांचवें और छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले कुछ खिलाड़ियों को देखना और देखना कि वे कैसे सफल रहे हैं।’’
राहुल ने कहा कि वह टीम के लिए यह नयी जिम्मेदारी लेकर खुश हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मेरे कोच ने बहुत कम उम्र से सिखाया है कि क्रिकेट एक टीम खेल है और टीम को आपसे जो भी चाहिए आपको उसे स्वीकार करने और टीम के लिए प्रदर्शन करने का तरीका खोजने की जरूरत है। आपको यह समझने में सक्षम होना चाहिए कि आपकी भूमिका क्या है, जिम्मेदारी क्या है, यह समझें कि विभिन्न क्रम पर सफल बल्लेबाजी करने के लिए क्या करना पड़ता है।’’
राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल और न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में स्थिति के अनुकूल खुद को ढाल लिया और छोटी लेकिन महत्वपूर्ण पारियां खेलीं।
बेंगलुरू के इस खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 42 रन बनाए जबकि उनकी नाबाद 32 रन की पारी की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया।
कुल मिलाकर राहुल ने सिर्फ 140 रन बनाए लेकिन उन्होंने 98 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए जो दर्शाता है कि उन रनों का मैच पर कितना प्रभाव पड़ा।
कप्तान रोहित शर्मा ने भी यही संकेत दिया।
रोहित ने कहा, ‘‘उसके धैर्य रखने से दबाव उस पर नहीं पड़ता, हम मैदान पर उसी तरह का धैर्य चाहते थे। मैं टूर्नामेंट में उसके प्रदर्शन से बेहद खुश हूं। सेमीफाइनल और इस मैच में भी दबाव की स्थिति में बल्लेबाजी की।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘योगदान भले ही 70-80 रन का नहीं हो लेकिन वे 30-40 रन बहुत महत्वपूर्ण थे।’’
राहुल चैंपियन्स ट्रॉफी जीतकर बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस समय बहुत खुश हूं, आईसीसी टूर्नामेंट जीतना इतना आसान नहीं है। यह मेरा पहला खिताब (आईसीसी) है इसलिए मैं बहुत खुश हूं और जिस तरह से हमने इस पूरे टूर्नामेंट में खेला है, उससे मैं बहुत खुश हूं और यह पूरी तरह से टीम का प्रयास रहा है।’’
राहुल ने स्टंप के पीछे भी शानदार प्रदर्शन किया और महत्वपूर्ण स्टंपिंग और कैच लपके।
यह 32 वर्षीय खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से खुश है क्योंकि स्पिन की अनुकूल परिस्थितियों में विकेटकीपिंग करना आसान काम नहीं था।
भाषा सुधीर पंत
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