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Wednesday, 3 December, 2025
होमखेलटीम को अच्छा कोच, मैदान के भीतर और बाहर अच्छा माहौल चाहिये था, कहा महिला हॉकी खिलाड़ियों ने

टीम को अच्छा कोच, मैदान के भीतर और बाहर अच्छा माहौल चाहिये था, कहा महिला हॉकी खिलाड़ियों ने

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(मोना पार्थसारथी)

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह के अचानक इस्तीफे के बाद चुप्पी तोड़ते हुए खिलाड़ियों ने कहा कि टीम को मैदान के भीतर और बाहर अच्छे माहौल की जरूरत है लेकिन कोच की कार्यप्रणाली और ‘तानाशाहीपूर्ण रवैये’ को लेकर लंबे समय से ड्रेसिंग रूम में काफी तनाव था।

अप्रैल 2024 में भारतीय महिला हॉकी टीम से जुड़े हरेंद्र सिंह ने सोमवार को मुख्य कोच के पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया था । सूत्रों से हालांकि पता चला है कि उनकी कार्यप्रणाली को लेकर काफी समय से खिलाड़ियों में रोष था और खिलाड़ियों ने ‘मानसिक उत्पीड़न’ की शिकायत हॉकी इंडिया, साइ टॉप्स अधिकारियों और पिछले सप्ताह खेल मंत्रालय से की थी ।

खेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार खिलाड़ियों की शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेते हुए हॉकी इंडिया को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिये गए । सूत्रों ने बताया कि खिलाड़ियों ने उनके तानाशाहीपूर्ण रवैये , कोचिंग के तरीकों और टीम के लगातार गिरते प्रदर्शन को लेकर शिकायत की थी । उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले साइ टॉप्स अधिकारियों ने भी ‘नकारात्मक’ रिपोर्ट दी थी जिन्हें चार महीने पहले बेंगलुरू निरीक्षण के लिये भेजा गया था ।

मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस मसले की गंभीरता को समझते हुए बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी देकर चार दिन के भीतर जांच की गई । हॉकी इंडिया अध्यक्ष दिलीप टिर्की और महासचिव भोलानाथ सिंह चेन्नई और मदुरै में चल रहे जूनियर हॉकी विश्व कप से सीधे बेंगलुरू स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण पहुंचे और शिविर में भाग ले रही खिलाड़ियों से व्यक्तिगत स्तर पर बात की ।

पता चला है कि अधिकांश खिलाड़ियों ने हॉकी इंडिया के आला अधिकारियों के सामने मुख्य कोच समेत पूरे कोचिंग स्टाफ को बदलने की मांग की थी । पूर्व कोच शोर्ड मारिन और यानेके शॉपमैन से तुलना में लगभग सभी ने हरेंद्र सिंह को सबसे नीचे रखा । कई खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि उनके रहने से टीम को कोई फायदा नहीं हो रहा है । खिलाड़ियों से फीडबैक लेने के बाद उनसे इस्तीफा लिया गया ।

क्या कोच के खिलाफ कोई और भी आरोप थे , यह पूछने पर एक सीनियर खिलाड़ी ने कहा ,‘‘ हमने जो भी शिकायत की थी वह सिर्फ हॉकी के बारे में थी। हमें सिर्फ उनके खराब रवैये और कोचिंग के तौर तरीकों से दिक्कत थी और हम बदलाव चाहते थे । टीम का प्रदर्शन और फिटनेस का स्तर बहुत गिर गया है और कोचिंग के खराब तौर तरीकों के कारण दर्जन भर से अधिक खिलाड़ी चोटिल हैं । ऐसी टीम पदक कैसे जीत सकती है ।’’

इस बीच बेंगलुरू में महिला हॉकी टीम का शिविर खत्म कर दिया गया है और सभी खिलाड़ी अगली सूचना तक अपने अपने घर लौट गए हैं । नीदरलैंड के शोर्ड मारिन के मुख्य कोच के रूप में लौटने की अटकलें हैं जो तोक्यो ओलंपिक 2020 में चौथे स्थान पर रही टीम के साथ थे ।

खिलाड़ियों का कहना है कि टीम के भीतर तनाव का असर प्रदर्शन पर पड़ रहा था और कोई अपनी क्षमता के अनुरूप नहीं खेल पा रहा था ।

एक सीनियर खिलाड़ी ने भाषा से कहा ,‘‘ कोच को लेकर जो भी फैसला लिया गया है, वह निजी कारणों से नहीं , बल्कि टीम के भविष्य के लिये है । हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे क्योंकि हमें एक अच्छे कोच की जरूरत थी जो हॉकी में भी अच्छा हो और मैदान से भीतर और बाहर अच्छा माहौल दे सके ।’’

उन्होंने कहा,‘‘ हमें मैच से पहले, मैच के दौरान मैदान पर और चेंजिंग रूम में बहुत तनाव महसूस होता था और माहौल बहुत ही खराब होता जा रहा था । खराब प्रदर्शन के लिये हर बार हमें ही दोषी ठहराया जाता था । टीम में खिलाड़ी लगातार चोटिल हो रहे थे जो खराब ट्रेनिंग का नतीजा था ।’’

एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि आने वाले समय में विश्व कप क्वालीफायर समेत कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट खेलने हैं और खुद से और टीम से हमारी उम्मीदें पूरी होती नहीं दिख रही थी ।

खिलाड़ियों पर राजनीति करने और कोच को बलि का बकरा बनाने के आरोपों पर एक खिलाड़ी ने कहा ,‘‘ बहुत से लोग कह रहे हैं कि खराब प्रदर्शन के बाद कोच को बलि का बकरा बनाया गया या सीनियर खिलाड़ी राजनीति कर रहे हैं । यह उनकी अपनी राय है लेकिन सच क्या है, यह हम जानते हैं । हमारी टीम में क्या चल रहा था , यह हमें ही पता है । हमें प्रदर्शन में कोई सुधार दिख नहीं रहा था और हम कोच के रवैये से तंग आ चुके थे।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ हम दिन रात इतनी मेहनत करते हैं, परिवार से दूर रहते हैं और कई विषमताओं से निकलकर यहां तक पहुंचे हैं । पिछले डेढ़ साल से हम जिस तरह से ट्रेनिंग कर रहे थे और जो नतीजे आ रहे थे, हमें भविष्य अच्छा दिख नहीं रहा था । इसलिये हम आगे आये और इस बारे में बोले कि हमें नया कोच चाहिये ।’’

भाषा मोना मोना सुधीर

सुधीर

सुधीर

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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