कोलकाता, तीन मई (भाषा) इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सबसे युवा शतकवीर राजस्थान रॉयल्स के किशोर खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी को भले ही मुंबई इंडियंस के खिलाफ दो गेंदों पर शून्य पर आउट होने के बाद निराशा का सामना करना पड़ा हो लेकिन टीम के तेज गेंदबाजी कोच शेन बॉन्ड ने कहा कि इस 14 वर्षीय खिलाड़ी को चीजों को अधिक जटिल बनाए बिना अपने तरीके से खेलने की ‘आजादी’ दी गयी है।
सूर्यवंशी 28 अप्रैल को गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों में शतक लगाकर आईपीएल में शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बन गए। वह इस लीग में सबसे तेज शतक जड़ने वाले भारतीय खिलाड़ी भी बन गये लेकिन बृहस्पतिवार को मुंबई इंडियंस के खिलाफ अगले मैच में उन्हें झटका लगा।
न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज बॉन्ड ने कहा, ‘‘उसे अपने तरीके से खेलने की थोड़ी बहुत छूट मिली है। उसने अब तक एक 14 वर्षीय खिलाड़ी के तौर पर वाकई कमाल का काम किया है।’’
बॉन्ड ने गत चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मैच से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कोचिंग स्टाफ ने वैभव के साथ चीजों को बहुत ज्यादा जटिल बनाने की कोशिश नहीं की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह पिछले मैच में चूक गया था लेकिन हम इतने कम उम्र के खिलाड़ी को लेकर वास्तव में घबराना नहीं चाहते।’’
बॉन्ड ने कहा कि टीम ‘थिंक-टैंक’ युवा बल्लेबाज पर दबाव कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा था, ताकि वह बेखौफ होकर खुद को अभिव्यक्त कर सके।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि (सहायक कोच) विक्रम (राठौर) अपने खेल की योजनाओं और उन गेंदबाजों के बारे में बात करते होंगे जिनका उसे सामना करना होता है। वह इस मैच के लिए फिर से ऐसा करेंगे। वह अभी बहुत ही युवा खिलाड़ी है, इसलिए मैं उसके वहां जाकर बड़े शॉट लगाने से खुश हूं।’’
बॉन्ड ने कहा कि इतने कम उम्र के खिलाड़ी के साथ धैर्य बनाये रखना बहुत जरूरी है।
बॉन्ड ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन अब भी चोट से उबर रहे हैं जबकि तेज गेंदबाज संदीप शर्मा मौजूदा सत्र से बाहर हो गये हैं।
मुंबई इंडियंस के खिलाफ पिछले मैच में मिली 100 रन की शिकस्त से राजस्थान की टीम प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गयी है लेकिन बॉन्ड ने खिलाड़ियों से संघर्ष जारी रखने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, ‘‘ आप खिताब की दौड़ में है या नहीं मेरे लिए इससे ज्यादा यह मायने रखता है कि आपके सीने पर राजस्थान रॉयल्स का ‘बैज’ है। यह आपके रवैये के बारे में है जैसे कि आगे बढ़ना, प्रतिस्पर्धा करना, जीतना, और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप प्रतियोगिता में हैं या नहीं। इसलिए अंक तालिका को देखे बिना खिलाड़ियों से पूरे जोश के साथ खेलने की उम्मीद की जाती है।’’
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