नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन (52 किग्रा) और नीतू (48 किग्रा) ने बुल्गारिया के सोफिया में 73वें स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में रविवार को अपने-अपने फाइनल मैच को जीतकर स्वर्ण पदक हासिल किये।
नीतू ने फाइनल में इटली की एरिका प्रिसियांडारो को आसानी से हराकर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने पूर्व युवा विश्व चैंपियनशिप कांस्य-पदक विजेता पर 5-0 से जीत हासिल की। उन्होंने अपनी लंबी पहुंच का पूरा फायदा उठाकर शानदार जवाबी हमले किये।
निकहत ने तीन बार की यूरोपीय चैम्पियनशिप की तीन बार की पदक विजेता यूक्रेन की तेतियाना कोब को 4-1 से पटखनी दी।
जरीन को हालांकि मुश्किल चुनौती का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को हावी होने का मौका नहीं दिया।
कई बार की राष्ट्रीय पदक विजेता हैदराबाद की जरीन 2019 में स्ट्रैंड्जा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीत चुकी है।
नीतू दो बार की पूर्व युवा विश्व चैंपियन के साथ एशियाई युवा चैंपियनशिप में पूर्व स्वर्ण पदक विजेता भी हैं।
हरियाणा की 21 साल की यह मुक्केबाज भिवानी के धनाना गांव से हैं। उनके पिता ने बेटी को मुक्केबाजी की कोचिंग दिलाने के लिए राज्य सरकार की नौकरी से बिना वेतन के तीन साल की छुट्टी ली थी। नीतू ने जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया तो उन्होंने चंडीगढ़ में फिर से अपनी नौकरी शुरू कर दी।
भारत ने पिछले चरण में दो पदक जीते थे जिसमें दीपक कुमार ने रजत और नवीन बूरा ने कांस्य पदक प्राप्त किया था।
पुरूष टीम का प्रदर्शन इस बार काफी खराब रहा जिसमें सात में से कोई भी पदक दौर में नहीं पहुंच सका।
भाषा आनन्द नमिता
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