…भरत शर्मा…
नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई ) ने 18 अप्रैल से शुरू होने वाले महिला सीनियर टी 20 ट्रॉफी के लिए खिलाड़ियों के अनिवार्य पृथकवास से छूट दे दी है लेकिन छह स्थलों पर खेले जाने वाले टूर्नामेंट के दौरान उन्हें बायो-बबल (जैव-सुरक्षित माहौल) में रहना होगा। पिछले दो साल में यह पहला मौका होगा जब बीसीसीआई के किसी सीनियर टूर्नामेंट में खिलाड़ियों को अनिवार्य पृथकवास में नहीं रहना होगा। इस साल फरवरी-मार्च में हुई रणजी ट्रॉफी से पहले खिलाड़ियों को पांच दिन के लिए पृथकवास में रहना पड़ा था। इसके दूसरे चरण का आयोजन आईपीएल के बाद होगा। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में कमी आने के बाद बीसीसीआई ने पृथकवास जरूरत को खत्म करने का फैसला किया है। खिलाड़ियों को हालांकि बायो-बबल में रहना होगा और कोविड-19 के लिए नियमित जांच से गुजरना होगा। न्यूजीलैंड में महिला विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे अधिकांश खिलाड़ियों के इस घरेलू टी 20 प्रतियोगिता में भाग लेने की उम्मीद है। राज्य इकाइयों को भेजे गए पत्र में, बीसीसीआई की संचालन टीम ने लिखा, ‘‘कोई अनिवार्य पृथकवास नहीं होगा, लेकिन बायो-बबल को बनाए रखा जाएगा। सभी टीमों के खिलाड़ियों को अपने संबंधित स्थलों पर आरटी-पीसीआर जांच में नेगेटिव रिपोर्ट के साथ आना होगा।’’ बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को इस नये प्रोटोकॉल के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘‘होटल के कमरे में अनिवार्य पृथकवास में छूट दी गयी है। प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों के परीक्षण किये जाएगे। उन्हें 15 अप्रैल को पहुंचना है और 18 तारीख को शुरुआती मैच से पहले अभ्यास करना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम कोविड-19 को लेकर कोई कोताही नहीं बरत रहे है। वायरस की स्थिति को नियंत्रित होने के बाद खर्च को नियंत्रित करने के लिए पृथकवास नियमों छूट दी गयी है।’’ टूर्नामेंट के लिए पांच एलीट पूल में छह-छह टीमें होंगी जबकि प्लेट ग्रुप में सात टीमें होंगी। मैच पांडिचेरी, त्रिवेंद्रम, राजकोट, मोहाली, रांची और गुवाहाटी में खेले जाएंगे। नॉकआउट चरण के मैच सूरत में खेले जाएंगे। बीसीसीआई के पत्र में कहा गया है, ‘प्रत्येक स्थल पर दो मैदानों पर प्रतिदिन तीन मैचों की मेजबानी की जाएगी। सुबह के दो मैच सुबह साढ़े आठ बजे शुरू होंगे और शाम के मैच दूधिया रोशनी में शाम साढ़े चार बजे से खेले जाएंगे।’’ भाषा आनन्द पंतपंत
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