मुंबई, तीन मई (भाषा) भारत के दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले का कहना है कि वर्तमान समय के क्रिकेटर यह बताने से नहीं हिचकिचाते हैं कि उनके दायरे में क्या हो रहा है जबकि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन का मानना है कि एक खिलाड़ी का ब्रांड प्रशासक या प्रसारक जितना शक्तिशाली हो गया है।
भारत के पूर्व कप्तान कुंबले भी हेडन की इस बात से सहमत थे कि जो खिलाड़ी पहले अपने ड्रेसिंग रूम में कैमरा रखने के लिए सहमत नहीं होते थे, वे अब माइक पकड़कर टीम की रणनीतियों पर चर्चा करने में खुश होते हैं।
कुंबले ने यहां एक पैनल चर्चा के दौरान कहा, ‘‘क्रिकेट में जो भी नए बदलाव आए हैं उनमें से अधिकतर प्रसारण से जुड़े हुए हैं। पहले खिलाड़ी इन नए परिवर्तनों का उपयोग करने से हिचकिचाते थे लेकिन अब समय बदल रहा है। यदि आप 2008 से लेकर अब तक की स्थिति को देखें, तो प्रसारण के नजरिए से भी, आईपीएल में, क्रिकेट में बड़े पैमाने पर नई चीज जुड़ी हैं।’’
कुंबले इस बात से सहमत थे कि लगभग हर कोई एक ब्रांड बनने की कोशिश कर रहा है और सोशल मीडिया इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया की बदौलत हमने पिछले कुछ वर्षों में यही बदलाव देखा है। एक युवा खिलाड़ी या एक स्थापित खिलाड़ी के रूप में, आप हर किसी को अपने जीवन में आने दे रहे हैं। क्या चल रहा है, लोग उसका प्रदर्शन कर रहे हैं। आपका व्यक्तित्व क्या है, लोग उसका प्रदर्शन कर रहे हैं, इसलिए उन्हें कैमरों के सामने आने से कोई आपत्ति नहीं है। ’’
भारत के पूर्व कप्तान ने कहा,‘‘जीत के बाद भी हमारे लिए ड्रेसिंग रूम में कैमरा लाना आसान नहीं था। तब पूछा जाता था, क्या हम आपके साथ जश्न मनाने के लिए ड्रेसिंग रूम में आ सकते हैं। हम कहते थे अरे, बस पीछे हट जाओ। यह हमारी जगह है लेकिन अब चीजें बदल गई हैं।’’
हेडन ने कहा कि एक खिलाड़ी का ब्रांड क्रिकेट बोर्ड या प्रसारक जितना मजबूत हो सकता है क्योंकि खिलाड़ी स्वयं अपना प्रसारक हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आवश्यकता और संघर्ष परिवर्तन चक्र के प्रमुख तत्व हैं। अगर मैं एक प्रसारक के रूप में लगभग दो दशकों से शुरुआत पर गौर करता हूं तो यह हमारा दर्शकों के साथ गहरे जुड़ाव से संबंधित है।’’
हेडन ने कहा,‘‘संघर्ष अब खेल के उन ब्रांडों के बीच है जो खेल रहे हैं। दूसरे शब्दों में, चलो वैभव सूर्यवंशी को लेते हैं, वह शायद हमारा सबसे अच्छा उदाहरण है, क्योंकि वह ढाई दशक तक खेल सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनका ब्रांड वास्तव में अब क्रिकेट प्रशासन जितना शक्तिशाली है, और किसी भी प्रसारक पद जितना शक्तिशाली है, क्योंकि वह अब अपना खुद का प्रसारक बन सकते हैं और बनेंगे।’’
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पंत आनन्द
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