कोलकाता, 16 मार्च (भाषा) झारखंड ने बुधवार को यहां रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल में जगह सुनिश्चित की लेकिन इससे पहले नगालैंड की कमजोर टीम के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल में अपनी कुल बढ़त को 1008 रन तक पहुंचाकर कुछ हद तक मुकाबले का मजाक भी बनाया।
देश को महेंद्र सिंह धोनी जैसा दिग्गज कप्तान देने वाले झारखंड ने क्रिकेट का कोई नियम नहीं तोड़ा लेकिन पांच दिन तक विरोधी टीम के आक्रमण को ‘अपमानित’ करके क्रिकेट भावना को जरूर मजाक बनाया। आखिर में अंपायरों ने मैच ड्रा कराने का फैसला किया।
यह मैच इस बात का संकेत भी है कि कैसे उच्चतम न्यायालय से नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति और पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय की अगुवाई वाली प्रशासकों की समिति एक उचित प्रथम श्रेणी टीम और ऐसे क्षेत्र की टीम के बीच अंतर को नहीं समझ पाये जहां क्रिकेट प्राथमिक खेल नहीं है।
सौरभ तिवारी की अगुआई वाली झारखंड की टीम ने मैच में कुल 1297 रन बनाए।
मैच में पहले बल्लेबाजी करने वाली झारखंड की टीम ने पहली पारी में 591 रन की विशाल बढ़त के आधार पर ही क्वार्टर फाइनल में जगह सुनिश्चित कर ली थी।
झारखंड ने नगालैंड को पहली पारी में 289 रन पर समेटने के बावजूद फॉलोआन नहीं दिया।
पांचवें और अंतिम दिन झारखंड की टीम दो विकेट पर 132 रन से आगे खेलने उतरी और दूसरे सत्र के बीच में ही मैच ड्रॉ कराने का फैसला किया।
पहली पारी में दोहरा शतक जड़ने वाले कुमार कुशाग्र के 104 गेंद में नौ चौकों और तीन छक्कों की मदद से 89 रन बनाकर आउट होने ही दोनों टीमों ने मैच ड्रॉ कराने का फैसला किया। यह झारखंड की दूसरी पारी का 91वां ओवर था और टीम ने दूसरी पारी में छह विकेट पर 417 रन बनाकर कुल 1008 रन की बढ़त हासिल कर दी थी जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ है।
मैच में झारखंड के बल्लेबाजों ने तीन शतक और एक दोहरा शतक जड़ा। पहली पारी में 59 रन बनाने वाले अनुकूल राय ने 164 गेंद में 17 चौकों और सात छक्कों से 159 रन की पारी खेली।
प्लेट ग्रुप में शीर्ष पर रही नगालैंड टीम ने पांच दिन में से अधिकांश समय क्षेत्ररक्षण करते हुए बिताया और इस दौरान 294 से अधिक ओवर गेंदबाजी की।
झारखंड के कोच एसएस राव ने अपनी टीम के निर्णय का बचाव किया।
उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘रिकार्ड बनाना हमारा उद्देश्य नहीं था। ऐसा होता तो विराट सिंह, सौरभ तिवारी बल्लेबाजी करते। क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिये तीन अंक पर्याप्त थे। पिच सपाट थी इसलिए हमने निचले क्रम के बल्लेबाजों को मौका दिया।’’
झारखंड से पहले सात एलीट ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली टीम बंगाल, मुंबई, कर्नाटक, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पहले ही क्वार्टर फाइनल में जगह बना चुके हैं।
रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल आगामी आईपीएल के बाद खेले जाएंगे।
भाषा सुधीर पंत पंत
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