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Tuesday, 8 October, 2024
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राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान पांच अलग-अलग गांवों में रहेंगे भारतीय खिलाड़ी

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… भरत शर्मा…

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ी और अधिकारी पांच अलग-अलग ‘गांवों’ में रहेंगे जहां महिला क्रिकेट टीम को बर्मिंघम सिटी सेंटर में एक अलग सुविधा में रखा जाएगा। भारत 28 जुलाई से शुरू होने वाले खेलों में 16 स्पर्धाओं के लिए 215 सदस्यीय खिलाड़ियों का दल भेज रहा हैं। टीम के अधिकारियों सहित पूरे दल में 325 लोग शामिल है। राष्ट्रमंडल खेलों में आमतौर पर सभी खिलाड़ी एक साथ ‘खेल गांव’ में रहते है लेकिन बर्मिंघम 2022 के आयोजकों ने खिलाड़ियों और सहयोगी सदस्यों के लिए पांच अलग-अलग जगह इंतजाम किये है। इस आयोजन में 5000 से ज्यादा खिलाड़ी भाग लेंगे। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने संबंधित राष्ट्रीय खेल महासंघों को भेजे एक आधिकारिक संचार में ठहरने की व्यवस्था और इंग्लैंड में उनके आगमन से 72 घंटे पहले कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर जांच की जरूरत के बारे में सूचित किया है। तैराकी, एथलेटिक्स, जिम्नास्टिक, स्क्वॉश, हॉकी में भाग लेने वाले खिलाड़ी ‘कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज बर्मिंघम (सीजीबी)’ में रहेंगे, जबकि बैडमिंटन, मुक्केबाजी, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन और ट्रायथलॉन में भाग लेने वाले खिलाड़ी ‘कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज एनईसी (सीजीएन)’ में रहेंगे। कुश्ती, जूडो और लॉन बॉल में भाग लेने वाले खिलाड़ी ‘कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज वारविक (सीजीडब्ल्यू)’, जबकि महिला क्रिकेट टीम के सदस्य ‘कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज सिटी सेंटर (सीजीसी)’ में होंगे। उनके मैच मशहूर एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर होंगे। लंदन में आयोजित होने वाली साइकिलिंग स्पर्धा में भाग लेने वाली ट्रैक टीम ‘सैटेलाइट विलेज (एसवीएल)’ में रहेगी। इसके साथ ही खिलाड़ियों और अधिकारियों के साथ आचार संहिता (सीओसी) को भी साझा किया गया है। सीओसी के मुताबिक, ‘‘ सभी खिलाड़ियों को किसी भी अधिकारी, कोच, साथी प्रतिभागियों या दर्शकों के खिलाफ नकारात्मक या अपमानजनक बयान व्यक्त करने से बचने के साथ ही अच्छी खेल भावना को प्रोत्साहित करना चाहिए।’’ इस में कहा गया, ‘‘ कोच, अधिकारियों और खिलाड़ियों को किसी भी स्थिति में शारीरिक बल ( जिन खेलों में जरूरी हो उसे छोड़कर) के इस्तेमाल से बचना चाहिये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ सभी खिलाड़ियों को डोपिंग के परिणामों और प्रभावों की जानकारी होनी चाहिए और उन्हें ‘नो नीडल पॉलिसी’ का सम्मान करना चाहिये। उन्हें डोपिंग के खतरे , उसके परिणाम और उससे बचने के बारे में पता होना चाहिये।’’ भाषा आनन्द नमितानमिता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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