लिवरपूल, तीन सितंबर (भाषा) भारतीय मुक्केबाज गुरुवार से यहां शुरू हो रही विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पिछली बार के प्रदर्शन में सुधार या उसकी बराबरी करने के उद्देश्य से रिंग पर उतरेंगे लेकिन उनकी राह आसान नहीं होगी क्योंकि उन्हें दुनिया के शीर्ष स्तर के मुक्केबाजों की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा।
पहली बार इस प्रतियोगिता का आयोजन विश्व मुक्केबाजी की नई शासी संस्था वर्ल्ड बॉक्सिंग के तत्वावधान में किया जाएगा और इसमें पुरुष और महिला दोनों वर्ग के मुकाबले एक साथ होंगे।
भारत ने 2023 में नयी दिल्ली में आयोजित की गई महिला चैंपियनशिप में चार स्वर्ण पदक जीते थे। पुरुष टीम ने इसी साल ताशकंद में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में तीन कांस्य पदक हासिल किए थे।
इसके बाद हालांकि बड़ी प्रतियोगिताओं में भारतीय मुक्केबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इसमें उसी वर्ष खेले गए एशियाई खेल और 2024 में पेरिस ओलंपिक का प्रदर्शन भी शामिल है।
भारतीय मुक्केबाज इस वर्ष के शुरू में विश्व मुक्केबाजी कप से अच्छा प्रदर्शन करके लौटे हैं, लेकिन विश्व चैंपियनशिप का स्तर काफी ऊंचा होता है जिसमें 65 से अधिक देशों के 550 से अधिक मुक्केबाज भाग ले रहे हैं। इनमें पेरिस ओलंपिक के 17 पदक विजेता भी शामिल हैं।
इस प्रतियोगिता से दो बार की विश्व चैंपियन निकहत ज़रीन और तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन एक साल के अंतराल के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी करेंगी।
दोनों ही सीमित तैयारी के साथ इस टूर्नामेंट में उतर रहे हैं। इस जोड़ी को शुरुआती दौर में शीर्ष मुक्केबाजों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इस साल तीनों विश्व मुक्केबाजी कप में भाग न लेने के कारण उनके गैरवरीय होने की संभावना है।
निकहत विश्व चैंपियनशिप में पहली बार 51 किग्रा वर्ग में अपनी चुनौती पेश करेगी। इससे पहले उन्होंने 52 किग्रा (2022) और 50 किग्रा (2023) में विश्व खिताब जीते।
विश्व चैंपियनशिप में तीन बार की पदक विजेता लवलीना 75 किग्रा भार वर्ग में अपना खिताब बचाने की कोशिश करेंगी। भारत को पूजा रानी से भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।
इसके अलावा 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य विजेता जैस्मीन लाम्बोरिया (57 किग्रा), साक्षी (54 किग्रा) और नुपुर श्योराण (80 किग्रा से अधिक ) भी अपनी चुनौती पेश करेंगे। इन सभी को कजाकिस्तान में विश्व मुक्केबाजी कप में स्वर्ण पदक जीतने के कारण वरीयता मिलने की उम्मीद है।
भारत की पुरुष टीम में कई नए खिलाड़ी शामिल हैं क्योंकि पिछली बार के पदक विजेता निशांत देव, दीपक भोरिया और मोहम्मद हुसामुद्दीन विभिन्न कारणों से इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले रहे हैं।
भारतीय टीम समूह का नेतृत्व सुमित कुंडू कर रहे हैं, जो चोट से उबरने के बाद टीम में वापसी कर रहे हैं। 2021 के विश्व युवा चैंपियन सचिन सिवाच और हर्ष चौधरी (86 किग्रा) के पास विश्व चैंपियनशिप का अनुभव है।
उनके साथ जदुमणि सिंह मंडेंगबाम (50 किग्रा), हितेश गुलिया (70 किग्रा) और अभिनाश जामवाल (65 किग्रा) जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी अपनी चुनौती पेश करेंगे।
भारतीय टीम इस प्रकार है:
महिला: मीनाक्षी हुडा (48 किग्रा), निकहत ज़रीन (51 किग्रा), साक्षी (54 किग्रा), जैस्मीन लेम्बोरिया (57 किग्रा), संजू खत्री (60 किग्रा), नीरज फोगट (60 किग्रा), सनामाचा चानू (70 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा), पूजा रानी (80 किग्रा), नुपुर श्योराण (80 किग्रा से अधिक)।
पुरुष: जदुमणि सिंह मंडेंगबाम (50 किग्रा), पवन बर्तवाल (55 किग्रा), सचिन सिवाच (60 किग्रा), अभिनाश जामवाल (65 किग्रा), हितेश गुलिया (70 किग्रा), सुमित कुंडू (75 किग्रा), लक्ष्य चाहर (80 किग्रा), जुगनू अहलावत (85 किग्रा), हर्ष चौधरी (90 किग्रा), नरेंद्र बेरवाल (90 किग्रा से अधिक)
भाषा
पंत नमिता
नमिता
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