बर्मिंघम, 28 जुलाई (भाषा) भारतीय एथलीट यहां बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान खेल गांव की किचन में ‘भिंडी मसाला’ की सब्जी देखकर हैरान हो गये और उन्हें भले ही तीन अलग अलग खेल गांव में रखा गया हो लेकिन वे ‘घर जैसा महसूस’ कर रहे हैं। खिलाड़ियों और टीम अधिकारियों को भले ही बर्मिंघम में तीन अलग अलग खेल गांव में रखा गया हो लेकिन जिमनास्टिक कोच अशोक मिश्रा का कहना है कि यहां ‘घर जैसा महसूस’ हो रहा है। मिश्रा ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह ऐसा महसूस हो रहा है जैसे हम भारत में हैं। भारतीय मूल के कई लोग यहां सुरक्षा अधिकारी, स्वयंसेवक और खानसामा के तौर पर काम कर रहे हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दिन खानसामा ने हमारे लिये भिंडी मसाला बनाकर हमें हैरान कर दिया और हमारे खिलाड़ियों ने इसका लुत्फ उठाया। हम घर जैसा महसूस कर रहे हैं। ’’ …………………………
वहीं खेल गांव में समलैंगिक समुदाय के लिये मुद्दों पर चर्चा करने और अभिव्यक्त करने के लिये माहौल बनाया जा रहा है। ब्रिटेन के ‘डाइविंग’ स्टार टॉम डाले ने सार्वजनिक रूप से एक अन्य पुरूष के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात की है और वह मशाल उठाने वालों में शामिल थे और कुछ इसे इसे समग्रता की ओर उठाये गये कदम की तरह देख रहे हैं। राष्ट्रमंडल सदस्यों में से आधे देशों में समान लिंग रिश्ते के खिलाफ कानून हैं लेकिन डाले ने कहा, ‘‘हम देशों में कानून बदलने नहीं जा सकते लेकिन हम लोगों के लिये सुरक्षित माहौल में मुद्दों पर चर्चा के लिये मौके बना सकते हैं। ’’ उन्होंने कहा,‘‘जब भी हमें अपने मूल्यों के बोर में बात करने का मौका मिलता है, हमें ऐसा करना चाहिए। ’’ सीजीएफ अध्यक्ष डेम लुसे मार्टिन ने कहा, ‘‘हम सभी का बराबरी से देखते हैं, हम लिंग नहीं देखते, हम जाति और रंग नहीं देखते। ’’ वहीं त्रिनिदाद एवं टोबैगो 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित हुए राष्ट्रमंडल युवा खेलों की अगले साल मेजबानी करेगा। भाषा नमिता आनन्द आनन्द
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