राजकोट, 16 दिसंबर (भाषा) हरियाणा ने हर्षल पटेल के पुरानी गेंद से मैच का रूख बदलने वाले स्पैल की मदद से शनिवार को यहां विजय हजारे ट्राफी के फाइनल में राजस्थान को 30 रन से हराकर ट्राफी अपने नाम की।
हरियाणा ने 50 ओवर में आठ विकेट पर 287 रन बनाये। राजस्थान की टीम भी सलामी बल्लेबाज अभिजीत तोमर (129 गेंद में 106 रन) और कुणाल सिंह राठौड़ (65 गेंद में 79 रन) की बदौलत इस लक्ष्य के करीब बढ़ रही थी।
लेकिन हर्षल (नौ ओवर में 47 रन देकर तीन विकेट) ने अपनी गति बदलने वाली विविधतापूर्ण गेंदबाजी से पांच ओवर के दूसरे स्पैल में मैच का रूख ही बदल दिया जिसमें उन्होंने केवल 16 रन दिये और इन दोनों जमे हुए बल्लेबाजों के विकेट झटककर राजस्थान की उम्मीद तोड़ दी। जिससे पूरी टीम 48 ओवर में 257 रन पर सिमट गयी।
आल राउंडर सुमित कुमार (छह ओवर में 34 रन देकर तीन विकेट) की जितनी तारीफ की जाये, उतनी कम है जिन्होंने पहले 16 गेंद में तेजी से नाबाद 28 रन बनाने के बाद राजस्थान के शीर्ष क्रम को झकझोर दिया। इसकी बदौलत उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ के अलावा ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ का पुरस्कार भी मिला।
उन्होंने टूर्नामेंट में निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए 100 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 183 रन बनाने के अलावा 10 मैचों में 18 विकेट झटके।
श्रेय हरियाणा के कप्तान अशोक मनेरिया को भी दिया जाना चाहिए जिन्होंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अपने गेंदबाजों का बखूबी इस्तेमाल किया जिसमें हर्षल को सही समय पर गेंदबाजी पर लगाना अहम रहा जो उनका ‘मास्टर स्ट्रोक’ साबित हुआ।
कभी राजस्थान के कप्तान रह चुके मनेरिया ने हरियाणा को 32 साल (1991 में रणजी ट्राफी के बाद) में पहली सीनियर राष्ट्रीय ट्राफी दिलाने के बाद कोई भी अतिउत्साही जश्न नहीं मनाया।
पारी की शुरूआत में आल राउंडर सुमित कुमार अपने पहले ही स्पैल में खतरनाक रहे जिससे राजस्थान की टीम का स्कोर तीन विकेट पर 12 रन हो गया। उसने आईपीएल के दो नियमित खिलाड़ी महीपाल लोमरोर (02) और कप्तान दीपक हुड्डा (शून्य) के विकेट गंवा दिये।
लेकिन सलामी बल्लेबाज तोमर को करण लांबा (20 रन) का साथ मिला, दोनों ने चौथे विकेट के लिये 68 रन जोड़। पर करण लांबा के आउट होने के बाद हरियाणा का पलड़ा भारी रहा।
लेकिन बायें हाथ के बल्लेबाज कुणाल सिंह राठौड़ (65 गेंद में 79 रन) ने कुछ शानदार शॉट लगाकर अपनी टीम को दौड़ में बनाये रखा। उन्होंने तोमर के साथ मिलकर 121 रन की साझेदारी निभायी जिसमें उनके द्वारा लगाये गये पांच छक्के भी शामिल थे।
लेकिन उनकी मांसपेशियों में खिंचाव होना शुरू हो गया और जब हर्षल अपने दूसरे स्पैल के लिये आये तो चीजें बदल गयीं। तोमर इस तेज गेंदबाज की गेंद को मिड ऑफ पर उठाने के प्रयास में सुमित को कैच दे बैठे और राठौड़ लांग ऑफ पर कैच आउट हुए।
इससे पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला करने वाली हरियाणा के लिए फॉर्म में चल रहे अंकित कुमार (91 गेंद में 88 रन) और अनुभवी कप्तान अशोक मनेरिया (96 गेंद में 70 रन) ने तीसरे विकेट के लिए 124 रन की साझेदारी निभाकर प्रतिस्पर्धी स्कोर की नींव रखी।
अंकित ने अपनी पारी के दौरान 12 चौके और अजय सिंह कुकना पर एक छक्का जड़ा।
मनेरिया ने संयमित पारी के दौरान आठ चौके लगाये।
आल राउंडर निशांत सिंधू (22 गेंद में 29 रन), राहुल तेवतिया (18 गेंद में 24 रन) और सुमित कुमार (16 गेंद में 28 रन) ने हरियाणा को 285 रन तक पहुंचाने में मदद की।
अनुभवी बायें हाथ के तेज गेंदबाज अनिकेत चौधरी (10 ओवर में 49 रन देकर चार विकेट) के अलावा लेग स्पिनर राहुल चाहर (नौ ओवर में 39 रन देकर एक विकेट) ने प्रभावित किया।
भाषा नमिता आनन्द
आनन्द
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.