नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) पूर्व ग्रां प्री ड्राइवर से कमेंटेटर बने करुण चंडोक की बच्चों के लिए लिखी किताब ‘ड्राइव टू विक्ट्री’ दुनिया के सबसे तेज खेल फॉर्मूला वन के बारे में छोटी से छोटी जानकारी मौजूद है।
इस जानकारी में फॉर्मूला वन कार बनाने में 11,000 पुर्जों की जरूरत से लेकर ट्रैक की झलक दिखाने और ड्राइवरों के बीच प्रतिद्वंद्विता के बारे में लिखा गया है।
हैचेट इंडिया द्वारा प्रकाशित किताब में फॉर्मूला वन की बारीकियों को विस्तार से बताया गया है। पाठकों को फॉर्मूला वन के पर्दे के पीछे, बोनट के नीचे और दुनिया की सबसे तेज कारों तथा ड्राइवरों की जानकारी दी गई है। किताब के चित्र मैक्स रामबाल्डी द्वारा बनाए गए हैं।
ब्रिटेन में रहने वाले लेखक चंडोक ने अपनी पहली किताब की प्रस्तावना में लिखा है, ‘‘पुस्तक पढ़ने के बाद, आपको दुनिया के सबसे तेज खेल के बारे में जानने के लिए सभी महत्वपूर्ण बातें पता चलेंगी। इन पन्नों में मैं आपको आज के ट्रैक पर स्टार ड्राइवरों और अतीत के कुछ महान ड्राइवरों के बारे में बताऊंगा। शीर्ष टीमों और उन्होंने कैसे शुरुआत की, रेसट्रैक वास्तव में कैसे बनाए जाते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात एक रेसिंग कार को वास्तव में तेज कैसे बनाया जाता है। ’’
मोटर रेसिंग परिवार में जन्मे चंडोक के पिता, दादा और यहां तक कि दादी भी रेसिंग करती थीं। फॉर्मूला वन में प्रतिस्पर्धा करने वाले केवल दो भारतीयों में नारायण कार्तिकेयन और चंडोक शामिल हैं। चंडोक अब कैलेंडर में ज्यादातर रेस में बतौर कमेंटेटर मौजूद होते हें।
भाषा नमिता
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