नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) अदालत द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक एसवाई कुरैशी ने भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) के कामकाज का आकलन करने के बाद चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा इसके कार्यकारी समिति के सदस्यों के बीच अंतहीन कलह खेल संस्था की साख कम कर रही है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नवंबर 2019 में राजस्थान घुड़सवारी संघ की एक याचिका का जवाब देते हुए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी को ईएफआई के कामकाज की देखरेख का जिम्मा सौंपा था।
उच्च न्यायालय ने 29 मई 2024 को अंतरिम व्यवस्था के रूप में नवंबर 2019 में चुनी गई कार्यकारी समिति को बहाल कर दिया था।
हालांकि कुरैशी हाल के दिनों में कार्यकारी समिति के सदस्यों के व्यवहार से प्रभावित नहीं हैं और उन्होंने खेल संस्था के तत्काल चुनाव कराने की मांग की।
कुरैशी ने आलोचना करते हुए अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘‘कार्यकारी समिति अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से पूरा नहीं कर पायी है और दुर्भाग्य से एक-दूसरे के खिलाफ झगड़ों और आक्रामकता का सहारा ले रही है। ’’
उन्होंने लिखा, ‘‘खेल के विकासात्मक मुद्दों या प्रतिवादी 1 (ईएफआई) के कामकाज पर चर्चा करने के बजाय सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ मौजूदा शिकायतों को निपटाने में लगे हैं। ’’
पूर्व चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि कैसे विरोधी गुट अलग-अलग ‘कार्यवाहक अध्यक्षों’ को मान्यता देते हैं जिससे संघर्ष होता है क्योंकि वे खेल मंत्रालय, भारतीय ओलंपिक संघ और घुड़सवारी की विश्व शासी संस्था एफईआई जैसे संबंधित अधिकारियों से अलग-अलग संवाद करते रहे हैं।
भाषा नमिता पंत
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