मुंबई, एक अप्रैल (भाषा) चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ अपनी टीम के आईपीएल मैच के दौरान ओस की तुलना नियाग्रा जलप्रपात से करते हुए 19वां ओवर किसी स्पिनर के बजाय शिवम दुबे को सौंपने के फैसले को सही करार दिया।
लखनऊ को अंतिम 12 गेंदों पर 34 रन की जरूरत थी। चेन्नई के कप्तान रविंद्र जडेजा ने 19वां ओवर दुबे को सौंपा जिस पर मैन ऑफ द मैच इविन लुईस और आयुष बडोनी ने मिलकर 25 रन बनाये। इससे लखनऊ को आखिर ओवर में जीत के लिये केवल नौ रन चाहिए थे जो उसने तीन गेंद शेष रहते हुए बना दिये।
फ्लेमिंग ने मैच के बाद वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यदि आप पहले की स्थिति पर गौर करो तो स्पिन विकल्प को नहीं आजमाया जा सकता था क्योंकि जहां तक नमी का सवाल है तो वह नियाग्रा जलप्रपात जैसी थी और उन्होंने (लखनऊ) ने अच्छा खेल दिखाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ओस बहुत गिर रही थी और ऐसे में स्पिनरों के लिये गेंद पर ग्रिप बनाना बहुत मुश्किल हो रहा था। ऐसी स्थिति में उनके लिये प्रभाव छोड़ना आसान नहीं था। हमने पहले ही उनसे एक ओवर कम करवाया था लेकिन उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।’’
फ्लेमिंग ने कहा, ‘‘हम जानते थे कि हमें बीच में कहीं पर यह ओवर पूरा करना होगा। हमें उम्मीद थी कि आखिर में हमारे पास पर्याप्त रन रहेंगे और हम किसी से यह ओवर करवाएंगे।’’
जडेजा ने दो ओवर में 21 जबकि मोईन अली ने एक ओवर में 14 रन दिये थे जिससे चेन्नई को मध्यम गति के गेंदबाज दुबे को गेंद सौंपनी पड़ी थी।
फ्लेमिंग ने कहा, ‘‘ उन्होंने मैदान पर यह फैसला किया कि किसी स्पिनर की बजाय दुबे को गेंद सौंपी जाए और यह सही निर्णय था।’’
लखनऊ के सामने 211 रन का लक्ष्य था। केएल राहुल (40) और क्विंटन डिकॉक (61) की बदौलत उसने पहले 10 ओवर में 99 रन जोड़े। ओस बहुत पड़ रही थी और ऐसे में फ्लेमिंग ने नयी गेंद संभालने वाले तुषार देशपांडे और मुकेश चौधरी की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कुछ युवा खिलाड़ियों को आजमाया। मुकेश पहली बार खेल रहे थे, देशपांडे ने पहले कुछ मैच खेले हैं। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो गेंदबाजी करना मुश्किल था। गेंद और आउटफील्ड बहुत गीली थी।’’
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