गुवाहाटी, 24 फरवरी (भाषा) गुवाहाटी में स्थायी फुटबॉल मैदान की मांग को लेकर सैकड़ों फुटबॉल खिलाड़ियों और प्रशंसकों के सड़कों पर प्रदर्शन करने के कुछ दिन बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने गुरूवार को दावा किया कि ‘गलतफहमी’ से यह स्थिति पैदा हुई।
शर्मा ने कहा कि असम क्रिकेट संघ (एसीए) ने रणजी ट्राफी मैचों के लिये अस्थायी रूप से नेहरू स्टेडियम लिया था।
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘एसीए ने रणजी ट्राफी के लिये 15 दिन के लिये नेहरू स्टेडियम लिया था। जब राष्ट्रीय स्तर के मैच होते हैं तो एक खेल को दूसरे को जगह देनी पड़ती है। मुझे लगता है कि ये हालात गलतफहमी के कारण ही पैदा हुए। ’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही संबंधित अधिकारियों से बात की थी और खेल निदेशक से रणजी ट्राफी मैच खत्म होने के बाद नेहरू स्टेडियम में फुटबॉल को जगह देने के बारे में कहा था।
रणजी ट्राफी के मैच गुवाहाटी में 17 फरवरी से छह मार्च तक दो स्थानों – बारसापारा में एसीए स्टेडियम और उलुबारी में नेहरू स्टेडियम में – में हो रहे हैं।
राज्य के 500 से ज्यादा फुटबॉलरों और प्रशंसकों ने 20 फरवरी को गुवाहाटी में विरोध रैली निकाली थी जिसमें उनकी मांग थी कि कम से दो मैदान फुटबॉल खेलने के लिये दिये जायें। इन फुटबॉलरों में राष्ट्रीय खिलाड़ी भी शामिल थे।
पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान बाईचुंग भूटिया ने भी गुवाहाटी में फुटबॉल मैदान की मांग पर अपना समर्थन दिया था और राज्य सरकार से जल्द से जल्द इस मामले को देखने का अनुरोध किया था।
असम फुटबॉल संघ के सचिव हेमंद्रनाथ ब्रह्मा ने कहा था कि संघ के पास अपना कोई मैदान नहीं है, जबकि वह सरकार से वर्षों से इसकी मांग कर रहा है।
भाषा नमिता पंत
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