नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) देश में रेफरी के स्तर को ऊपर उठाने के उद्देश्य से अनुबंध के आधार पर 50 रेफरी नियुक्त करने और उन्हें मासिक वेतन के रूप में ‘अच्छी’ राशि का भुगतान करने की तैयार कर रहा है।
एआईएफएफ की कोशिश है कि रेफरी को आजीविका के लिए किसी और काम का सहारा ना लेना पड़े।
एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा कि रेफरी के स्तर में तभी सुधार किया जा सकता है जब भारतीय रेफरी अपने परिवार को चलाने के लिए पर्याप्त कमाई कर सके और इस पेशे को पूर्णकालिक काम की तरह करे।
इंडियन सुपर लीग टीमों के विदेशी कोच भारतीय रेफरी की उनकी ‘त्रुटियों’ के लिए आलोचना करते रहे हैं।
चौबे ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ आईएसएल, आई-लीग या संतोष ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंटों में रेफरी के गलत फैसले से जुड़ी शिकायतें मिलती रही है। इससे टीमों का प्रदर्शन प्रभावित होता है।’’
उन्होंने बताया , ‘‘ मौजूदा समय में रेफरी का पारिश्रमिक बहुत कम है। राज्य लीग में एक रेफरी को 2500 से 5000 रुपये और राष्ट्रीय लीग में 8000 से 10,000 रुपये तक मिलते हैं। यह सालाना ढाई लाख रुपये से तीन लाख रुपये होते हैं जो आजीविका चलाने के लिए काफी कम हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तय किया है कि 50 रेफरी नियुक्त किए जाएंगे और उनमें से प्रत्येक को 50,000 से 80,000 रुपये प्रति माह का वेतन दिया जाएगा, जो एक रेफरी के लिए अपने परिवार के खर्चों को चलाने के लिए पर्याप्त होगा।’’
उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर रेफरी पूरी तरह से अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
भाषा आनन्द सुधीर
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