गुवाहाटी, 23 नवंबर (भाषा) दक्षिण अफ्रीकी ऑलराउंडर सेनुरन मुथुसामी 2019 में भारत में पदार्पण श्रृंखला में केवल दो विकेट ले पाए थे जिससे उन्हें लगा था कि उनका करियर खत्म हो चुका है और वह इस देश में दोबारा कभी नहीं खेल पाएंगे।
लेकिन भारतीय मूल के इस हरफनमौला ने 2025 तक उपमहाद्वीप की परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझ लिया और पाकिस्तान में शानदार प्रदर्शन किया जिसमें उन्होंने पहले टेस्ट में 11 विकेट झटके और दूसरे टेस्ट में 89 रन की नाबाद पारी खेलीं
अब उन्होंने भारत के खिलाफ 109 रन की पारी ऐसे समय में खेली जब टीम ने 201 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे।
मुथुसामी ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘‘मेरी यात्रा अनोखी रही है। 2019 में भारत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का स्वाद चखा, यहीं पदार्पण किया। लेकिन फिर कुछ समय के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर पाया। लेकिन क्रिकेट एक सफर है जिसमें आप बस हर दिन को एक एक करके लेते हैं और ज्यादा आगे की नहीं सोचते। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन 2019 के बाद मुझे यकीन नहीं था कि मैं कभी टेस्ट क्रिकेट खेल पाऊंगा। और भारत में खेलने के बारे में तो बिल्कुल यकीन नहीं था। ’’
मुथुसामी ने कहा, ‘‘लेकिन मैं बस उस समर्थन के लिए आभारी हूं जो मुझे कोचों, परिवार और सहयोगी स्टाफ से मिला।’’
2019 की पदार्पण श्रृंखला के बाद उन्हें तीसरा टेस्ट खेलने के लिए चार साल इंतजार करना पड़ा और इस बीच उन्होंने घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत की।
उनके पूर्वज तमिलनाडु के नागपट्टिनम से आते हैं और हालांकि वह स्वयं कभी वहां नहीं गए। हालांकि उनकी मां और मौसियों ने अपने पुश्तैनी शहर का दौरा किया है।
मुथुसामी ने कहा, ‘‘मेरी जड़ें भारतीय हैं, लेकिन यह कई पीढ़ियां पुरानी हैं। मेरी जड़ें दक्षिण भारत में तमिलनाडु में हैं। मेरी मां और मौसियों ने परिवार से मिलने के लिए वहां का दौरा किया है लेकिन मैं अभी तक नहीं गया हूं। ’’
भाषा नमिता आनन्द
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