(तस्वीरों के साथ)
लंदन, तीन अगस्त (भाषा) हैरी ब्रुक ( 98 गेंद में 111 रन) और जो रूट (152 गेंद में 105 रन) की शतकीय पारियों के बाद दिन के आखिरी सत्र में प्रसिद्ध कृष्णा (109 रन पर तीन विकेट) और मोहम्मद सिराज (95 रन पर दो विकेट) की शानदार गेंदबाजी से भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की श्रृंखला का आखिरी टेस्ट बेहद रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है।
श्रृंखला में 2-1 से आगे इंग्लैंड ने जीत के लिए ओवल मैदान पर रिकॉर्ड 374 रन का पीछा करते हुए रविवार को चौथे दिन का खेल खत्म होने तक छह विकेट पर 339 रन बना लिये हैं।
दिन के आखिरी सत्र में अंपायरों ने लाइट मीटर से प्राकृतिक रोशनी को मापने के बाद खेल को रोकने का इशारा किया। खिलाड़ियों के मैदान से बाहर निकलने के कुछ ही देर बाद तेज बारिश होने लगी और मैदानकर्मियों को पिच को कवर से ढकना पड़ा।
इस समय जैमी स्मिथ दो रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे जबकि जैमी ओवरटन ने खाता नहीं खोला था।
अंपायरों ने शाम के छह बजे (स्थानीय समय) दिन का खेल खत्म होने की घोषणा कर दी।
भारतीय गेंदबाजों ने दिन की शुरुआत में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन हैरी ब्रुक ने क्रीज पर आते ही आक्रामक बल्लेबाजी कर उन पर दबाव बना दिया।
ब्रुक ने कृष्णा की गेंद पर मोहम्मद सिराज से 19 रन पर मिले जीवनदान का फायदा उठाते हुए अपनी आक्रामक पारी में 14 चौके और दो छक्के जड़ने के अलावा रूट के साथ तीसरे विकेट के लिए 195 रन की साझेदारी से मैच पर टीम का दबदबा कायम किया।
रूट भी दिन के आखिरी सत्र में श्रृंखला में लगातार तीसरा शतक पूरा कर सबसे ज्यादा शतक लगाने वालों की सूची में चौथे स्थान पर पहुंच गये। रूट के टेस्ट करियर का यह 39वां शतक है और वह इस सूची में सचिन तेंदुलकर (49), जैक कालिस (45) और रिकी पोंटिंग (41) के बाद चौथे स्थान पर है।
उन्होंने आकाशदीप (85 रन पर एक विकेट) की गेंद पर दो रन चुराकर भारत के खिलाफ अपना 13वां शतक पूरा करने के बाद हेडबैंड पहन कर पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ग्राहम थोर्प को श्रद्धांजलि देते हुए उंगली से आकाश की ओर इशारा किया।
इस मैच का दूसरा दिन (एक अगस्त) दिवंगत थोर्प को समर्पित था। इंग्लैंड के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले थोर्प का कई वर्षों से अवसाद और चिंता से जूझने के बाद पिछले साल निधन हो गया था।
कृष्णा ने रूट के शतक पूरा होने के तुरंत बाद जैकब बेथल (पांच) को बोल्ड किया और फिर रूट को विकेट के पीछे कैच कराकर भारतीय खिलाड़ियों में जोश भर दिया।
इससे पहले दिन के दूसरे सत्र में भारत के तीनों तेज गेंदबाजों पर थकान का असर दिखा जो गेंद की चमक खोने के बाद पिच से ज्यादा मदद लेने में नाकाम रहे। वाशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा की स्पिन गेंदबाजी भी असरहीन दिखी। उन्हें हालांकि ज्यादा गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला।
भारतीय तेज गेंदबाजों ने रूट और ब्रुक के खिलाफ शॉट गेंद डालने की रणनीति अपनाई लेकिन गेंद पुरानी होने के कारण बल्लेबाजों को उससे सामंजस्य बिठाने में कोई परेशानी नहीं हुई।
ब्रुक ने शतक पूरा करने के बाद आकाशदीप की गेंद पर कवर क्षेत्र में जब शानदार चौका जड़ा तो मैदान पर भारतीय क्षेत्ररक्षकों की हताशा और बढ़ गयी। वह हालांकि दो गेंद के बाद एक और आक्रामक शॉट खेलने की कोशिश में कवर क्षेत्र में सिराज द्वारा लपके गये। शॉट खेलने के साथ ही बल्ला उनके हाथ से छूट गया और वह शॉट पर नियंत्रण नहीं बना सके।
ब्रुक ने अपनी पारी के दौरान जहां ताकत का इस्तेमाल किया वहीं रूट ने बिना किसी परेशानी के कलात्मक शॉट से रन बटोरे।
इससे पहले दिन की शुरुआती सत्र में सिराज ने आठ ओवर के शानदार स्पैल में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान किया।
इंग्लैंड ने दिन की शुरुआत एक विकेट पर 50 रन पर से आगे से की ।
मैच तीसरे दिन के आखिरी ओवर में जैक क्रॉली को आउट करने के बाद सिराज ने चौथे दिन आकाशदीप के साथ गेंदबाजी की शुरुआत की। उन्होंने गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करने की जिम्मेदारी उठाते हुए एक और शानदार स्पैल डाला। उन्होंने इस दौरान बेन डकेट और ओली पोप को कई बार परेशान किया।
टीम को हालांकि दिन की पहली सफलता कृष्णा ने बेन डकेट (54) को आउट कर दिलाई। डकेट बाहर निकलती गेंद को ड्राइव करने की कोशिश की लेकिन गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए दूसरे स्लीप में खड़े लोकेश राहुल के हाथों में चली गयी।
इसके तुरंत बाद सिराज को भी शानदार गेंदबाजी का फल मिला। उन्होंने मैच में पोप (27) को दूसरी बार पगबाधा कर भारत को बड़ी सफलता दिलाई। पोप ने इस ओवर से पहले ही कृष्णा के खिलाफ तीन चौके लगाकर लय हासिल की थी।
रूट ने सिराज के खिलाफ दो शानदार कवर ड्राइव लगा कर दबाव कम किया।
आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे ब्रुक को इस दौरान जीवनदान भी मिला जब प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर कैच पकड़ने के बाद मोहम्मद सिराज का पैर बाउंड्री लाइन से टकरा गया और यह छह रन में बदल गया।
ब्रुक ने इससे पहले आकाशदीप के खिलाफ अपनी पारी का पहला छक्का जड़ा था। जीवनदान मिलने के बाद उन्होंने कृष्णा के खिलाफ दो बेहतरीन चौके जड़े।
इस मैच से पहले ओवल में चौथी पारी में सबसे सफलतापूर्वक सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम ही है, जिसने 1902 में 263 रन का लक्ष्य हासिल किया था।
भाषा आनन्द
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