नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) जीशान अंसारी 2016 में 16 साल की उम्र में भारतीय अंडर-19 विश्व कप टीम के सबसे कम उम्र के सदस्य थे जिस टीम के कई सदस्यों ने बाद में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया।
ऋषभ पंत, ईशान किशन, वाशिंगटन सुंदर, सरफराज खान, आवेश खान और खलील अहमद जहां अगले स्तर पर पहुंचने के लिए प्रयास कर रहे थे तो वहीं जीशान गुमनामी में खो गए।
तब से उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए सिर्फ पांच रणजी ट्रॉफी मैच और एक सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मुकाबला खेला है।
लखनऊ के हजरतगंज का यह लेग स्पिनर उस टीम में आकर्षण का केंद्र नहीं था जिसके छह खिलाड़ियों ने बाद में विभिन्न प्रारूप में भारत की सीनियर टीम की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला।
वर्षों की गुमनामी के बाद रविवार की दोपहर अब 25 वर्षीय और बेहतर कद-काठी वाले अंसारी ने आईपीएल में पदार्पण करते हुए फाफ डु प्लेसिस, जेक फ्रेजर-मैकगर्क और लोकेश राहुल जैसे उम्दा बल्लेबाजों को आउट किया लेकिन उनकी टीम सनराइजर्स को हार का सामना करना पड़ा।
जीशान गेंद को फ्लाइट करने से नहीं डरते और इससे पूर्व अंडर-19 भारतीय चयनकर्ता और उत्तर प्रदेश के दिग्गज ज्ञानेंद्र पांडे उस समय प्रभावित हुए थे। उन्हें जूनियर राष्ट्रीय टीम के लिए चुना गया था।
भारत के लिए 1999 में दो एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले पांडे ने कहा, ‘‘उसे ईद से पहले ईदी मिल गई। वह काफी कड़ी मेहनत करने वाला गेंदबाज है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात में नहीं पड़ना चाहता कि उन्होंने इतने वर्षों में घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के लिए अधिक मैच क्यों नहीं खेले लेकिन वह मेरठ मैवरिक्स के लिए यूपी टी20 लीग में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे और इसी कारण सनराइजर्स हैदराबाद के स्काउट्स ने उन्हें चुना।’’
हजरतगंज में एक दर्जी के बेटे जीशान ने पांच रणजी मैच में 17 विकेट लिए जो कि शानदार प्रदर्शन तो नहीं हैं लेकिन फिर भी 2020 से किसी भी प्रारूप में मौका नहीं मिलने से सवाल उठ सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के एक अन्य पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘कुलदीप (यादव) अधिकतर समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में व्यस्त रहता था लेकिन पता नहीं क्यों हमारे कोच सुनील जोशी (भारत के पूर्व स्पिनर) को इस लड़के में कुछ खास नहीं दिखा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि अब उसे कुछ खास मिलेगा। मेरा मानना है कि विप्पी (दिल्ली कैपिटल्स के विपराज निगम) और जीशान दोनों एक साथ उत्तर प्रदेश के लिए खेल सकते हैं।’’
लखनऊ विकास प्राधिकरण में जीशान को लगभग 12 साल की उम्र में कलाई की स्पिन का पहला पाठ पढ़ाने वाले उनके बचपन के कोच गोपाल सिंह ने कहा कि उनके शिष्य के लिए यह बहुत ही विचित्र स्थिति बन गई थी।
गोपाल ने कहा, ‘‘2016 में अंडर-19 विश्व कप से वापस आने के बाद उसने रणजी ट्रॉफी खेली और अच्छा प्रदर्शन किया। अगले सत्र में उसने एक भी मैच नहीं खेला, अंडर-19 या अंडर-23 भी नहीं। उसने रणजी ट्रॉफी खेली थी इसलिए लोगों ने सोचा कि उसे अंडर-19 में वापस क्यों जाना चाहिए लेकिन फिर उसे सीनियर टीम के लिए भी नहीं चुना गया।’’
गोपाल ने यूपी टी20 लीग के दौरान अपने शिष्य का अच्छा इस्तेमाल करने के लिए मेरठ मैवरिक्स के कप्तान और केकेआर स्टार रिंकू सिंह को धन्यवाद भी दिया।
भाषा
सुधीर मोना
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