नवी मुंबई, एक नवंबर (भाषा) भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने रविवार को यहां फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर आईसीसी वनडे विश्व कप ट्रॉफी जीतकर इतिहास रचने के बाद कहा कि इस जीत का श्रेय टीम की हर सदस्य को जाता है।
हरमनप्रीत की अगुआई वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली आईसीसी ट्रॉफी जीती।
हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा, ‘‘पूरा श्रेय टीम को, टीम की हर सदस्य को जाता है। हमने लगातार तीन मैच गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद जिस तरह से हम खेले। हम जानते थे कि हम चीजों को बदल सकते हैं। हमने खुद पर भरोसा रखा और सकारात्मक रहे। यह टीम जीत की हकदार थी। बीसीसीआई और दर्शकों को समर्थन करने का श्रेय जो उतार चढाव में हमेशा हमारे साथ रहे। ’’
उन्होंने शेफाली शर्मा की गेंदबाजी पर कहा, ‘‘जब लौरा वोलवार्ट और सुने लुस बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रही थीं तो मैंने शेफाली को देखा। उसने जैसी बल्लेबाजी की थी तो मुझे लगता कि उसे कम से कम एक ओवर तो देना होगा। और यही हमारे लिए टर्निंग प्वाइंट रहा। उसने कहा कि अगर गेंदबाजी करूंगी तो 10 ओवर डालूंगी। उसे श्रेय जाता है। वह काफी सकारात्मक थी। उसे सलाम। ’’
हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की। पर अंत में वे थोड़े घबरा गए, उसका हमने फायदा उठाया। फिर दीप्ति ने वो विकेट झटक लिए। ’’
दीप्ति शर्मा ने फाइनल में 58 रन बनाने के साथ पांच विकेट झटके। उन्हें टूर्नामेंट में 22 विकेट लेने के साथ 200 से अधिक रन बनाकर नया रिकॉर्ड कायम करके ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ और शेफाली वर्मा को 87 रन बनाने के साथ दो विकेट चटकाने के लिए ‘प्लेयर ऑफ द फाइनल’ चुना गया।
दीप्ति ने कहा, ‘‘यह सपने जैसा महसूस हो रहा है। अच्छा लग रहा है कि मैं इस तरह विश्व कप फाइनल में योगदान दे सकी। मैं हमेशा जिम्मेदारियों का आनंद लेती हूं, चाहे किसी भी विगाग में हूं। मैं परिस्थितियों के अनुरूप खेलना चाहती थी। बतौर आलराउंडर प्रदर्शन करना शानदार रहा। मैं ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ की ट्रॉफी को अपने माता पिता को समर्पित करना चाहती हूं। ’’
फॉर्म में चल रही सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल के चोटिल होने के कारण नॉकआउट में टीम में शामिल हुई शेफाली ने कहा, ‘‘भगवान में यहां कुछ करने के लिए भेजा था। इस अहसास को बयां नहीं कर सकती। सीधे नॉकआउट में आना मुश्किल था। लेकिन भरोसा था। परिवार का पूरा सहयोग था। फाइनल बहुत महत्वपूर्ण था। यह यादगार क्षण है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज योजना स्पष्ट थी, खुश हूं कि इसके मुताबिक खेल पाई क्योंकि सभी सीनियर ने कहा था कि अपना गेम खेलो। ’’
उप कप्तान स्मृति मंधाना ने कहा, ‘‘चैंपियन बनकर कैसी प्रतिक्रिया दूं, पता नहीं चल रहा। अभी समय लगेगा। क्रिकेट मैदान में कभी इतनी भावुक नहीं हुई। यह अविश्सनीय पल है। घरेलू सरजमीं पर विश्व कप जीतना और ‘विश्व चैंपियन’ का ताज बहुत अवास्तविक लग रहा है। हमने कई बार निराशा झेली हैं। हमें जो समर्थन मिला हैं, उसे बयां नहीं कर सकती। पिछले 40 दिन सपेन की तरह बीते। विश्व कप जीतने के लिए 45 रदिन तक जागना पड़े तो वो भी करूंगी। हम सभी ने मेहनत की। ’’
दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोलवार्ट ने कहा, ‘‘अपनी टीम पर गर्व है लेकिन भारत ने आज बेहतरीन खेल दिखाया। दुर्भाग्य से हम हार गए। ’’
शेफाली (78 गेंद में 87 रन) और दीप्ति (58 रन) के अर्धशतक की बदौलत भारत ने सात विकेट पर 298 रन बनाए।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम दीप्ति शर्मा के पांच झटकों के सामने कप्तान लौरा वोलवार्ट (101 रन) के शतक के बावजूद 45.3 ओवर में 246 रन पर सिमट गई।
दीप्ति ने 39 रन देकर पांच विकेट झटके। शेफाली वर्मा ने भी दो विकेट और श्री चरणी ने एक विकेट हासिल किया।
सलामी बल्लेबाज मंधाना ने 45 रन और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष ने 34 रन का योगदान दिया।
भाषा नमिता
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