ग्लास्गो, 26 नवंबर (भाषा) अहमदाबाद को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों का मेजबान चुने जाने की औपचारिक घोषणा बुधवार को यहां हो गई जिससे दो दशक बाद भारत में इन खेलों की वापसी होगी और 2036 ओलंपिक की मेजबानी की देश की आकांक्षा को भी बल मिलेगा ।
राष्ट्रमंडल खेलों का यह सौवां वर्ष भी होगा । पहली बार ये खेल कनाडा के हैमिल्टन में 1930 में हुए थे ।
पिछले महीने ‘कॉमनवेल्थ स्पोर्ट (राष्ट्रमंडल खेल)’ के कार्यकारी बोर्ड द्वारा राष्ट्रमंडल खेलों के शताब्दी वर्ष में प्रस्तावित मेजबान के रूप में अहमदाबाद की सिफारिश के बाद 74 सदस्यों की आमसभा के लिए भारत की बोली पर मुहर लगाना महज एक औपचारिकता थी। भारत ने पिछली बार 2010 में दिल्ली में इन खेलों की मेजबानी की थी।
राष्ट्रमंडल खेल बोर्ड ने मूल्यांकन समिति की देखरेख में एक प्रक्रिया पूरी करने के बाद भारत को मेजबानी देने की की सिफारिश की थी ।
इस फैसले से अहमदाबाद में 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी की भारत की इच्छा को भी बल मिलेगा । अहमदाबाद ने पिछले एक दशक में युद्धस्तर पर खेलों का अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार किया है ।
गुजरात के उपमुख्यमंत्री और खेलमंत्री हर्ष सांघवी ने आमसभा के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ हम खेलों का विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार कर रहे हैं जिसमे सरदार वल्लभभाई पटेल खेल एंक्लेव और गुजरात पुलिस अकादमी शामिल है । यह ऐसा शहर है जहां विरासत का आकांक्षाओं से, आस्था का आधुनिकता से और इतिहास का उम्मीद से संगम होता है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ अहमदाबाद में आधुनिक परिवहन, आवास सुविधा और मजबूत सहायता तंत्र उपलब्ध है ।’’
राष्ट्रमंडल खेल 2030 की मेजबानी के लिए भारत को नाइजीरिया के शहर अबुजा से कड़ी टक्कर मिल रही थी, लेकिन कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने 2034 के खेलों की मेजबानी के लिए अफ्रीका के इस शहर के नाम पर विचार करने का फैसला किया।
भारत ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो शुरुआती अनुमान 1600 करोड़ रुपये से कहीं अधिक था। इन खेलों में भ्रष्टाचार को लेकर काफी आलोचना हुई थी ।
पिछले कुछ अर्से में राष्ट्रमंडल खेल प्रासंगिकता बनाये रखने और मेजबान तलाशने के लिये जूझ रहे हैं ।
भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा, ‘‘कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने जो भरोसा दिखाया है, उससे हम बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं। 2030 खेलों से हम सिर्फ राष्ट्रमंडल आंदोलन के 100 साल पूरे होने का जश्न ही नहीं मनाएंगे, बल्कि अगली सदी की नींव भी रखेंगे। ’’
उन्होंने कहा ,‘‘ यह राष्ट्रमंडल देशों के खिलाड़ियों, समुदायों और संस्कृतियों को प्रगति और दोस्ती के भाव से साथ लेकर आयेगा ।’’
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेलमंत्री मनसुख मांडविया ने इसे भारत के लिये गर्व का पल बताया ।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा ,‘‘भारत को राष्ट्रमंडल खेलों के शताब्दी वर्ष 2030 खेलों की मेजबानी मिलने पर हर्षित हूं । देशवासियों और खेल तंत्र को बधाई । यह हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता और खेलभावना है जिसने भारत को वैश्विक खेल मानचित्र पर मजबूती से रखा है । हम वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से अपार उत्साह के साथ इन ऐतिहासिक खेलों का जश्न मनायेंगे ।’’
वही मांडविया ने कहा ,‘‘राष्ट्रमंडल खेलों के सौवे साल में इन खेलों का आयोजन भारत में होना हमारे लिये गौरव की बात है । यह दर्शा रहा है कि यह देश बड़े टूर्नामेंटों के आयोजन के लिये तैयार है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘आने वाले दस साल के लिये हमने दीर्घकालिन नीति तैयार की है जिसके तहत काम चल रहा है । मुझे यकीन है कि भारत अगले दस साल में शीर्ष दस खेल देशों में स्थान हासिल करेगा और 2047 में जब देश आजादी का शताब्दी वर्ष मनायेगा ,तब हम दुनिया के शीर्ष पांच खेल देशों में होंगे ।’’
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने यह भी कहा कि 2030 खेलों में 15 से 17 खेल होंगे ।
इसने कहा ,‘‘ अहमदाबाद 2030 टीम कॉमनवेल्थ स्पोर्ट और अंतरराष्ट्रीय महासंघ समुदाय के साथ मिलकर काम करेगी ताकि ऐसा आधुनिक और रोमांचक खेल कार्यक्रम बनाया जा सके जिसमे वैश्विक अपील के साथ मजबूत स्थानीय पकड़ हो ।’’
एथलेटिक्स और पैरा एथलेटिक्स, तैराकी और पैरा तैराकी, टेबल टेनिस और पैरा टेबल टेनिस, बाउल और पैरा बाउल, भारोत्तोलन और पैरा पावरलिफ्टिंग , कलात्मक जिम्नास्टिक , नेटबॉल और मुक्केबाजी के इन खेलों का हिस्सा होने की पुष्टि हो चुकी है ।
बयान में कहा गया ,‘‘ बाकी खेलों को तय करने की प्रक्रिया अगले महीने शुरू हो गई और पूरा कार्यक्रम अगले साल घोषित होगा ।’’
इसमें कहा गया ,‘‘ तीरंदाजी, बैडमिंटन, तीन गुणा तीन बास्केटबॉल और व्हीलचेयर बास्केटबॉल, बीच वॉलीबॉल, क्रिकेट टी20, साइकिलिंग, गोताखोरी, हॉकी, जूडो, लयबद्ध जिम्नास्टिक, रग्बी सेवंस, निशानेबाजी, स्क्वाश, ट्रायथलन और पैरा ट्रायथलन और कुश्ती इसमे शामिल होने की दौड़ में है ।’’
इसमें कहा गया ,‘‘ मेजबान दो नये या पारंपरिक खेलों का प्रस्ताव भी रख सकता है ।’’
ग्लास्गो में 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों का बजट बहुत कम कर दिया गया है। यह शहर पूरे आयोजन को आठ मील (लगभग 12 किमी) के दायरे में आयोजित करना चाहता है। उसने इन खेलों का बजट 114 मिलियन पाउंड (लगभग 1300 करोड़ रुपये) रखा है।
इस कारण कुश्ती, निशानेबाजी, बैडमिंटन और हॉकी जैसे कुछ प्रमुख खेलों को बाहर कर दिया गया। भारत इसका कड़ा विरोध कर रहा था क्योंकि इससे उसकी पदक जीतने की क्षमता पर गहरा असर पड़ा।
अहमदाबाद ने हाल के महीनों में राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप, एशियाई एक्वाटिक्स चैंपियनशिप और फुटबॉल के एएफसी अंडर-17 एशियाई कप 2026 क्वालीफायर की मेजबानी की।
यह शहर अगले साल एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप और एशिया पैरा-तीरंदाजी कप की मेजबानी करेगा। इसके अलावा 2029 में विश्व पुलिस और अग्निशमन खेल अहमदाबाद, गांधीनगर और एकता नगर में आयोजित किए जाएंगे।
सरदार वल्लभभाई पटेल खेल परिसर उन प्रमुख स्थलों में से एक है, जिसको इन खेलों के लिए तैयार किया जा रहा है। इनमें एक लाख से अधिक दर्शकों की क्षमता वाला नरेन्द्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम भी शामिल है। इसके अलावा इस परिसर में एक जलक्रीड़ा केंद्र और एक फुटबॉल स्टेडियम के साथ-साथ इनडोर खेलों के लिए दो मैदान भी होंगे।
इस परिसर के अंदर 3,000 लोगों के रहने की क्षमता वाला खेल गांव भी बनाया जाएगा। गुजरात सरकार को 2028 तक वेन्यू तैयार होने की उम्मीद है ।
भाषा
मोना नमिता
नमिता
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