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Tuesday, 5 November, 2024
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निकहत विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में, मनीषा और परवीन को कांस्य

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नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) निकहत जरीन (52 किग्रा) बुधवार को इस्तांबुल में महिला विश्व मुक्कबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाली एकमात्र भारतीय रहीं जबकि दो अन्य मुक्कबाजों ने कांस्य पदक के साथ अपना सफर समाप्त किया।

पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन जरीन ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा के खिलाफ मुकाबले के दौरान संयमित बनी रहीं और अपनी प्रतद्वंद्वी पर पूरी तरह दबदबा बनाये रखा। इससे वह 52 किग्रा वर्ग के अंतिम चार मुकाबले में सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रहीं।

लेकिन मनीषा मौन (57 किग्रा) और पदार्पण करने वाली परवीन हुड्डा (63 किग्रा) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

मनीषा को तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक इटली की इरमा टेस्टा से 0-5 के सर्वसम्मत फैसले से और परवीन को आयरलैंड की एमी ब्रॉडहर्स्ट से 1-4 के विभाजित फैसले से हार का सामना करना पड़ा।

निकहत ने लगातार मुक्के जमाकर आक्रामक शुरूआत की जिससे ब्राजील की मुक्केबाज जूझती नजर आयी।

तेलंगाना की 25 वर्षीय मुक्केबाज ने बेहतरीन ‘फुटवर्क’ से अपनी प्रतिद्वंद्वी को दूर ही रखा।

तीसरे दौर में निकहत ने दूरी बनाकर आक्रमण करना जारी रखा और एलमेडिया को पास आने के लिये उकसाया और अंत में फाइनल में जगह बनायी।

हैदराबाद की यह मुक्केबाज इस साल शानदार फॉर्म में है। वह फरवरी में प्रतिष्ठित स्ट्रैंदजा मेमोरियल में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी थीं।

इस विश्व चैम्पियनशिप में निकहत का प्रदर्शन इतना शानदार रहा है कि उन्होंने अपने सारे मुकाबले 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से जीते हैं।

वर्ष 2019 एशियाई चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता मनीषा अपनी दूसरी विश्व चैम्पियनशिप में खेल रही थीं। भारतीय मुक्केबाज ने अपने से तकनीकी रूप से बेहतरीन प्रतिद्वंद्वी को ताकतवर मुक्कों से पछाड़ने की कोशिश की लेकिन टेस्टा का रक्षण बेहतरीन था।

वहीं 22 वर्षीय परवीन का सामना अपने से कहीं अनुभवी मुक्केबाज से था जिन्होंने शारीरिक रूप से थकाऊ मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाया।

हरियाणा की युवा ने पहले दौर में 0-5 से पिछड़ने के बावजूद दूसरे दौर में 3-2 से अच्छी वापसी की। पर अनुभवी प्रतिद्वंद्वी ने अंतिम दौर में इसे अपने नाम कर लिया।

छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी ऐसी भारतीय महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब अपने नाम किये हैं। अब हैदराबाद की मुक्केबाज निकहत के पास भी इस सूची में शामिल करने का मौका है।

भारत का इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में रहा है जब देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते थे।

पिछले चरण में चार भारतीय मुक्केबाज पदक के साथ लौटी थीं जिसमें मंजू रानी ने रजत पदक जीता था जबकि मैरीकॉम ने कांस्य पदक के रूप में आठवां विश्व पदक अपने नाम किया था।

भाषा नमिता पंत

पंत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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