नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) अमेरिका के क्रिकेट टीम के कप्तान भारतीय मूल के मोनांक पटेल को उम्मीद है कि 2025 में चैम्पियन्स ट्रॉफी की सह मेजबानी से वहां इस खेल की लोकप्रियता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
अमेरिका में ऐसे खेल में पूर्णकालिक पेशेवर होना आसान नहीं है जिसके प्रवासी भारतीयों के अलावा ज्यादा प्रशंसक नहीं है।
गुजरात के पूर्व अंडर -19 खिलाड़ी पटेल पूर्ण रूप से पेशेवर क्रिकेटर हैं और जीवनयापन के लिए वह बच्चों को कोचिंग भी देते हैं।
हाल ही में मुंबई में आए पटेल ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘क्रिकेट मेरा पूर्णकालिक करियर है। जीवनयापन के लिए मैं खेल के साथ सप्ताह में तीन बार बच्चों को कोचिंग देता हूं ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा जन्म भारत में हुआ है। मुझे 2010 में ग्रीन कार्ड मिला। मैं 2016 में पूर्ण रूप से अमेरिका में बस गया। मैं न्यू जर्सी में रहता हूं।’’
इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने 2018 में पदार्पण के बाद अब तक 19 एकदिवसीय और 16 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ अमेरिका की टीम में बड़ी टीमों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने की काफी संभावनाएं हैं। हम पिछले तीन साल से बेहतर क्रिकेट खेल रहे हैं और हमने स्कॉटलैंड और यूएई जैसी टीमों के खिलाफ खेला है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में हम मजबूत टीमों से मुकाबला कर सकते हैं।’’
उन्मुक्त चंद, मनन शर्मा जैसे जाने-माने भारत के घरेलू खिलाड़ी अब अमेरिका चले गए हैं और पटेल का मानना है कि यह क्रिकेट बोर्ड पर निर्भर करेगा कि वे निकट भविष्य में राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनेंगे या नहीं ।
उन्होंने कहा, ‘‘ अमेरिका की ओर से टीम में जगह पक्की करने के मामले में गुणवत्ता में सुधार हुआ है। कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों की मौजूदगी से टीम मजबूत हुई है। हमारी चयन प्रक्रिया पूरी तरह से चयन समिति और क्रिकेट बोर्ड पर निर्भर है।’’
भाषा आनन्द सुधीर
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