लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि आगामी शारदीय नवरात्र (22 सितंबर) से महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन को समर्पित ‘मिशन शक्ति’ का 5वां चरण शुरू किया जाएगा. यह विशेष अभियान लगातार 30 दिनों तक चलेगा.
मुख्यमंत्री ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि मिशन शक्ति तभी सफल होगा जब बेटियों में सुरक्षा का भाव हो और अपराधियों के मन में कानून का भय. उन्होंने निर्देश दिया कि इस अभियान के दौरान एडीजी, आईजी/डीआईजी स्तर के अधिकारी खुद सड़क पर उतरें, आमजन से संवाद करें और पेट्रोलिंग में शामिल हों.
सभी 57 हजार ग्राम पंचायतों और 14 हजार वार्डों में महिला बीट पुलिस अधिकारी भ्रमण करेंगी और महिलाओं से सीधे संवाद करेंगी.
त्योहारों और धार्मिक स्थलों पर महिला पुलिस की विशेष तैनाती होगी.
एंटी रोमियो स्क्वाड को और सक्रिय कर शोहदों के खिलाफ नजीर बनने वाली कार्रवाई होगी.
सभी नगर निगमों में पिंक बूथ स्थापित किए जाएंगे, जो महिलाओं के लिए आपात स्थिति में मददगार होंगे.
विद्यालयों और महाविद्यालयों में महिला सुरक्षा संवाद और लघु फिल्मों का प्रदर्शन कराया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जेलों में बंद असहाय महिलाओं को विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाए और महिला अपराधों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित हो. उन्होंने कहा कि महिला हेल्पलाइन 1090 पर आने वाली हर कॉल का गंभीरता से निस्तारण किया जाए.
पिछले चरण में 3.44 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें 2.03 करोड़ से अधिक महिलाओं और बालिकाओं की सहभागिता रही.
9172 महिला बीट्स और 18,344 महिला पुलिसकर्मी तैनात की गईं.
‘ऑपरेशन गरुड़’, ‘बचपन’, ‘मजनू’, ‘नशा मुक्ति’, ‘रक्षा’ और ‘ईगल’ जैसे विशेष अभियानों से लाखों अपराधियों पर कार्रवाई की गई और माहौल में बड़ा बदलाव आया.
आईटीएसएसओ पोर्टल के अनुसार, 98.80% निस्तारण दर के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर रहा.
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि मिशन शक्ति केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि समाज का अभियान है, जिसका मकसद हर बेटी को सुरक्षा और सम्मान का भरोसा देना है.